आखिर क्या थी राजू श्रीवास्तव के जीवन में अमिताभ बच्चन की अहमियत, पढ़े पूरी खबर

Raju Srivastava Death News: कामेडियन राजू श्रीवास्तव 42 दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे आखिर बुधवार को उनकी मौत हो गई। वो काफी समय तक कोमा में रहे। इससे पहले जब वो बीमार होकर एम्स में इलाज के लिए भर्ती हुए थे तो उनको बालीवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन के कुछ डायलाग्स सुनाए गए थे जिससे उनको कुछ लाभ हो सके। मगर ऐसा नहीं हुआ।

जब राजू श्रीवास्तव कोमा में थे उस समय डाक्टरों ने उनके प्रिय अभिनेता और जीवन में मोड़ लाने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन के डायलाग्स सुनाए थे जिससे उनमें कुछ सुधार हो सके मगर ऐसा हो न सका।
खैर उस समय बहुत अधिक सुधार तो नहीं देखने को मिला मगर कुछ दिनों के बाद उनको होश जरूर आ गया था। बालीवुड में वैसे तो सैकड़ों हीरो-हीरोइन है, मगर इनमें से सिर्फ अमिताभ बच्चन की ही आवाज राजू श्रीवास्तव को क्यों सुनाई गई ये अपने आप में एक बड़ा सवाल था।
दरअसल इसके पीछे एक बड़ा कारण है। एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में राजू श्रीवास्तव ने खुद ही ये बताया था कि अमिताभ बच्चन का उनकी जिंदगी में कितना महत्व है। उन्होंने बताया था कि जब वो कामेडी कर रहे थे उस समय अमिताभ बच्चन सुपर स्टार थे, उनकी कोई मिमिक्री नहीं करता था, अकेले वो ही मंच से अमिताभ बच्चन की फिल्मों के डायलाग्स की मिमिक्री किया करते थे, इससे उनको पैसे मिलते थे।
उन दिनों उनके पास काम नहीं था। वो अमिताभ बच्चन की कई सुपरहिट फिल्मों के डायलाग्स को याद कर चुके थे और मंच से उनको सुनाते थे। सामने बैठे दर्शक उनकी मिमिक्री की खूब तारीफ करते थे, इससे उनको पैसे भी मिल जाते थे। उनका घर भी चलता था। कई सालों तक वो ऐसे ही अमिताभ बच्चन के डायलाग्स को मंच से सुनाते रहे।

उन्होंने खुद बताया था कि अमिताभ बच्चन की वजह से ही उनको एक अलग पहचान मिली और काम भी मिला। एक लंबे समय के बाद उन्होंने अन्य अभिनेताओं की आवाज की मिमिक्री शुरू की, इसके अलावा हास्य के अन्य पात्र जैसे गजोधर भाइया, मिश्रा, पांडे जैसे अन्य किरदार भी पैदा किए। अमिताभ बच्चन का अपना जिंदगी में महत्व वो आज भी खुले मंच से स्वीकार करते हैं। इसी वजह से बीमार होने पर राजू श्रीवास्तव को अमिताभ बच्चन के डायलाग्स ही सुनाए गए थे।
कुछ खास थे डायलाग्स
राजू श्रीवास्तव को एम्स में भर्ती रहने के दौरान जो डायलाग्स सुनाए गए वो कुछ खास थे। ये अमिताभ बच्चन की सभी प्रसिद्ध फिल्मों के डायलाग्स थे। ये वो डायलाग थे जो आम बोलचाल की भाषा में अक्सर लोग दोहरा देते हैं। जैसे हम जहां खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरु होती है, मेरा पूरा नाम विजय दीनानाथ चौहान।