एटा। खबर एटा जनपद से है जहां एटा ने फिर एक बार अपने विकास के दम पर पूरे प्रदेश में नई पहचान कायम करते हुए एक मिशाल कायम की है। वही वित्तीय और औद्योगिक प्रगति के दो महत्वपूर्ण मानकों- सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात) और प्रति व्यक्ति आय (GDP) में एटा ने उत्तर प्रदेश के शीर्ष दस जिलों में एक अलग जगह बना ली है।
यह उपलब्धि न केवल जिले के प्रशासन और बैंकिंग क्षेत्र की बेहतर कार्यप्रणाली का परिणाम है, बल्कि आम जनता की बढ़ती आर्थिक समझ और उद्यमशीलता की भी परिचाएक हैं। एटा जिले की इस प्रगति में स्थानीय उद्योगों की बड़ी भूमिका रही है और एटा पहले से ही ‘घंटी-घुँघरू’ जैसे पीतल उत्पादों के लिए प्रसिद्ध रहा है लेकिन अब ‘चिकोरी’ को भी भौगोलिक संकेतक (GI टैग) मिल गया है, इससे एटा के किसानों और उद्यमियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
वहीं चिकोरी प्रोसेसिंग प्लांट बने किसानों की ताकत जिले में स्थापित चिकोरी प्रोसेसिंग प्लांट इन दिनों बड़े स्तर पर उत्पादन कर रहे हैं। इसका सीधा लाभ किसानों को ही मिल रहा है, जिनकी आमदनी काफी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सरकारी योजनाओं और जिला प्रशासन के सहयोग से अब चिकोरी की खेती लाभकारी व्यवसाय में बदल चुकी है।
(रिपोर्ट – हर्ष द्विवेदी, एटा)