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Monday, March 17, 2025

समुद्र के बीचों-बीच होकर भी नहीं डूबती ये दरगाह, जानें क्या है रहस्य

मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई शहर में स्थित बाबा हाजी अली शाह बुखारी (Haji Ali Shah) की एक दरगाह है, जो अब पूरे विश्व के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बन गया है। इस दरगाह का इतिहास काफी रोचक रहा है। माना जाता है कि यहां पर सच्चें मन से कोई बात धागे के साथ बोलो तो हर मुराद जरुर पूरी होती है। समुद्र (sea) के बीच में बनी इस दरगाह में भयानक तूफान (Terrible storm) के बाद भी एक बूंद पानी नहीं जाता। ये किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है।

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दरअसल उसके पीछे की कहानी बताई जाती है कि जब पीर हाजी अली शाह (Haji Ali Shah) व्यापार करने के लिए पहली बार अपने घर से निकले थे, तब वो मुंबई वरली के इसी इलाक़े में कई दिनों तक रुके। जिसके बाद उन्होंने अपना आगे का जीवन यहीं पर रहकर बिताने का निश्चय किया। हाजी अली शाह (Haji Ali Shah) ने पत्र लिखकर इस बात की जानकारी अपनी मां को दी और अपनी सारी संपत्ति जरुरतमंदों में बांटने को कहा। जिसके बाद वो उसी जगह पर रहकर अपने धर्म का प्रचार करने लगे।

अपनी धन संपत्ति को गरीबों को बांट देने के बाद वो सबसे पहले हज की यात्रा पर गए लेकिन इस यात्रा के दौरान उनकी मौत हो गयी। कहा जाता है कि हाजी अली (Haji Ali Shah) की अंतिम इच्छा थी कि उनको दफनाया न जाए बल्कि उनके शव को समुद्र में डाल दिया जाए। उनका ताबूत अरब सागर में होता हुआ मुंबई की इसी जगह पर चट्टान पर आकर रुक गया। जिसके बाद उनकी याद में उस जगह पर सन् 1431 में दरगाह बनाई गई। यही कारण है कि आज भी भयानक तूफान या बारिश का पानी उनकी दरगाह पर नहीं जाता।

इस दरगाह की अपनी ही खास बात है वो है जमीन से कम से कम 500 गज दूर समु्द्र के अंदर बनी हुई बनी हुई है। इस दरगाह तक पंहुचने के लिए लोगों को लंबी रास्ता तय करना पडता है। इसके लिए पुल बना हुआ है। यह पुल सीमेंट का बना हुआ है। जोकि दोनों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। यहां पर हमेशा ज्वार आता रहता है। जिसके कारण यहां का पुल बंद कर दिया जाता है। इस पुल से न कोई दरगाह जा सकता है और न ही कोई दरगाह से आता है।

Tag: #nextindiatimes #HajiAliShah #Maharashtra

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