उत्तराखंड। उत्तराखंड की उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार पूरा देश कर रहा है, लेकिन रेस्क्यू में आ रही दिक्कत से सभी की सांसें अटकी हुई हैं। कभी सरिया तो कभी पत्थर उन तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं। टनल में 47 मीटर तक पाइप पहुंच चुका है।
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इस बीच शुक्रवार 24 नवंबर को NDRF ने मजदूरों को निकालने के लिए मॉक ड्रिल की। इससे पहले गुरुवार 23 नवंबर को ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म धंस गया था, जिसे ठीक कर लिया गया। PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया था कि हम शुक्रवार सुबह ड्रिलिंग शुरू कर देंगे। ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि अगले 5 मीटर में कोई रुकावट नहीं है, लेकिन अब तक ड्रिलिंग शुरू नहीं हो पाई है।
अभी 12-14 मीटर खुदाई बाकी है। ड्रिलिंग के दौरान यदि कोई बाधा नहीं आई तो आज 41 मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। टनल में मजदूरों के फंसे होने का आज यानी 24 नवंबर को 13वां दिन है। प्रवीण ने ये बताया कि अब ऑगर मशीन की वर्किंग करना शुरू हो जाएगी। तकरीबन 8 से 10 मीटर पाइप को पुश करना है। यदि 6 मीटर पाइप पुश हो जाता है तो उस मिट्टी को आगे धकेलकर फंसे मजदूर तक पहुंचा जा सकता है। मेरा 14 साल का एक्सपीरियंस है। हम अंदर फंसे लोगों को निकालकर लाएंगे।
बता दें रेस्क्यू ऑपरेशन के 12वें दिन यानी गुरुवार को अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन तीन बार रोकनी पड़ी। देर शाम ड्रिलिंग के दौरान तेज कंपन होने से मशीन का प्लेटफॉर्म धंस गया। इसके बाद ड्रिलिंग शुक्रवार सुबह तक रोक दी गई। इससे पहले गुरुवार दोपहर 1.15 बजे मजदूरों तक पहुंचने के लिए बाकी 18 मीटर की खुदाई शुरू की गई, लेकिन 1.8 मीटर की ड्रिलिंग के बाद मलबे में सरिया आने से खुदाई रोकनी पड़ी। इसे दिल्ली से हेलिकॉप्टर से पहुंचे 7 एक्सपर्ट्स ने इसे ठीक किया। अधिकारियों ने बताया- आज 1.86 मीटर ड्रिलिंग हुई। अभी 16.2 मीटर खुदाई बाकी है।
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