डेस्क। ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने में हिंदू पक्ष को मिले पूजा के अधिकार के खिलाफ मुस्लिम पक्ष (Muslim side) की ओर से दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। फिलहाल मुस्लिम पक्ष (Muslim side) को कोई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी।
यह भी पढ़ें-दिल्ली में AAP ने खोला BJP के खिलाफ मोर्चा, हिरासत में लिए गए 25 कार्यकर्ता
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने कहा कि मस्जिद पक्ष पहले 17 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती दे। इस आदेश से जिलाधिकारी वाराणसी (Varanasi) को रिसीवर नियुक्त किया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने 23 जनवरी को ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर को अपने कब्जे में ले लिया है। इसके बाद जिला न्यायालय ने 31 जनवरी के अंतरिम आदेश से काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) ट्रस्ट को पुजारी के जरिए तलगृह में पूजा करने की अनुमति दी है। महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र का कहना था कि सरकार की जिम्मेदारी कानून व्यवस्था कायम रखने की है। डीएम (DM) सुरक्षा व्यवस्था देख रहे हैं।
अंजुमन इंतेजामिया (Anjuman Intejamia) कमेटी के वकील एसएफए नकवी से कोर्ट ने पूछा कि बेसिक आदेश 17 जनवरी 2024 का है। उसको क्यों चुनौती नहीं दी। कमेटी के वकील ने कहा कि 31 जनवरी का आदेश आने के कारण तुरंत आना पड़ा। बेसिक आदेश को भी चुनौती देंगे क्योंकि आदेश होते ही जिलाधिकारी (DM) ने रात में तैयारी कर ली और नौ घंटे में पूजा शुरू करा दी। उन्होंने कहा कि जिला जज ने अपने ही आदेश के विपरीत अंतरिम आदेश देकर वस्तुत:वाद स्वीकार कर लिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगली तारीख छह फरवरी को सुनवाई होने तक ज्ञानवापी (Gyanvapi) स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा होती रहेगी। सरकार को यह निर्देश दिया है कि यहां पर कोई अतिरिक्त निर्माण कार्य न कराया जाए। कोर्ट (Court) ने व्यासजी के तहखाना के अंदर पूजा पर अंतरिम रोक लगाने की मांग संबंधी मसजिद कमेटी की याचिका पर अनुमति देने से इनकार कर दिया इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया है।
Tag: #nextindiatimes #Gyanvapi #DM #Court