डेस्क। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों दोनों की तैयारी जोरों पर हैं। आपको बता दें कि मतदान 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। इसी के साथ नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इसी बीच आइए जानते हैं क्या होता है पोस्टल बैलट पेपर (postal ballot) और साथ ही इसका इस्तेमाल किसके द्वारा किया जाता है?
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यह अपने नाम से ही स्पष्ट है कि, यह पोस्टल बैलट एक डाक मत पत्र होता है। यह 80 के दशक में चलने वाले बैलेट पेपर की तरह ही होता है। चुनावों में इसका इस्तेमाल उन लोगों द्वारा किया जाता है जो कि अपनी नौकरी के कारण अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाते हैं। जब ये लोग पोस्टल बैलट द्वारा मतदान करते हैं तो इन्हें सर्विस वोटर्स अथवा ऐबसेंटी वोटर्स कहा जाता है।

सैनिक, चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारी व कर्मचारी, देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी, प्रिवेंटिव डिटेंशन में रहने वाले लोग (कैदियों को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है), 80 वर्ष से अधिक की उम्र के वोटर और दिव्यांग व्यक्ति (यदि पहले से रजिस्ट्रेशन करा लें तो) पोस्टल बैलट का उपयोग कर मतदान कर सकते हैं।
एक बार स्वीकृत हो जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी मतदाता के पंजीकृत पते पर डाक मतपत्र भेजता है, जिसमें मतपत्र, घोषणा पत्र, गोपनीयता पत्र और प्री-पेड वापसी लिफाफा शामिल होता है। गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए मतदाता गोपनीयता पत्र में मतपत्र पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चिह्नित करते हैं। फिर, मतदाता घोषणा पत्र भरते हैं, अपने हस्ताक्षर और अन्य प्रासंगिक विवरण प्रदान करते हैं। उसके बाद सब कुछ वापसी लिफाफे के अंदर रख कर उसे सील कर देते हैं।
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