वेटिकन सिटी। दुनिया भर के ईसाइयों (Christians) के सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता पोप फ्रांसिस (Pope Francis) के निधन के बाद वेटिकन सिटी (Vatican City) में उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन इस बार कुछ परंपराएं वैसी नहीं होंगी जैसी सदियों से चली आ रही हैं। इसकी वजह खुद पोप फ्रांसिस हैं, जिन्होंने जीवन में ही अपने अंतिम संस्कार से जुड़ी परंपराओं को सरल और मानवीय बनाने का निर्णय लिया था।
यह भी पढ़ें-समलैंगिक जोड़ों के लिए शुरू की थी अनोखी परंपरा, जानें कौन थे पोप फ्रांसिस
रोमन कैथोलिक परंपरा (Catholic tradition) के अनुसार पोप की मृत्यु के बाद ‘नोवेन्डिएल’ नामक नौ दिनों का शोक काल मनाया जाता है। इस दौरान विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं और श्रद्धांजलि दी जाती है। लेकिन इस बार शोक की इन रस्मों के बीच सबसे खास बात है पोप फ्रांसिस (Pope Francis) की वो इच्छा, जिसमें उन्होंने राजसी विदाई के बजाय एक सामान्य पादरी की तरह अंतिम संस्कार की मांग की थी। 16वीं से 19वीं सदी के बीच पोप के शरीर को संरक्षित करने के लिए उनके दिल, लीवर और पेनक्रियाज जैसे अंग निकालकर चर्च में रखे जाते थे।
वेटिकन ने एक बयान में कहा कि 88 वर्षीय पोप का अंतिम संस्कार शनिवार, 26 अप्रैल को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे सेंट पीटर्स बेसिलिका में होगा। उनके निधन के बाद उनके लिए खास ताबूत का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। बता दें कि पोप (Pope Francis) के शव को रखने के लिए एक नहीं बल्कि 3 ताबूत तैयार किए जाते हैं। पोप के अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाले ताबूत को विशेष रूप से निर्मित किया जाता है। इसमें कैथोलिक परंपराओं और प्रतीकात्मकता का विशेष ध्यान दिया जाता है।

दुनिया के अन्य ताबूत से पोप का ताबूत खास होता है क्योंकि पोप का पद धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। परंपरागत रूप से पोप का निधन होने पर तीन ताबूत का निर्माण शुरू हो जाता है। इस रूप में तैयार ताबूत को एक के अंदर एक रखा जाता है। पोप (Pope Francis) के निधन के उपरांत बनाए जाने वाले ताबूत में तीन प्रमुख ताबूत होते हैं। पहला तैयार ताबूत जो सरु, जो देवदार जैसा होता है। इसे सादगी और नश्वरता का सिंबल माना जाता है।
दूसरा सीसा से तैयार ताबूत पर पोप का नाम, शासनकाल की तारीख और इसके बाद वेटिकन का प्रतीक होता है। ये ताबूत पूरी तरह से लॉक कर दिया जाता है, जो शरीर को कवर करके रखता है। तीसरा ताबूत ओक की लकड़ी से तैयार किया जाता है। इसका प्रतीक स्थायित्व और गरिमा का प्रतीक माना जाता है।
Tag: #nextindiatimes #PopeFrancis #Christian