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Tuesday, July 1, 2025

धूमकेतु और क्षुद्र ग्रह में क्या है फर्क, जानें कहां से आए एस्टेरॉयड

डेस्क। 30 जून 1908 को रूस के साइबेरिया (Siberia) इलाके में Asteroid (क्षुद्र ग्रह) की वजह से बहुत तबाही मची थी। इसी के बाद जागरूकता के लिए 30 जून को Asteroid Day मनाया जाता है। दरअसल Asteroids छोटे-छोटे पिंड या गोले जैसे होते हैं जो सूरज के चारों ओर घूमते रहते हैं, ठीक किसी प्लैनेट की तरह। लेकिन इनका साइज बहुत अजीब-सा होता है।

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Asteroids करीब 4.6 अरब साल पहले हमारे सोलर सिस्टम के बनने के दौरान ही बने थे। ये उस समय के मलबे का हिस्सा है जब प्लैनेट बन रहे थे। इन्हें building blocks of planets भी कहा जाता है। NEO यानी Near Earth Objects ऐसे Asteroids होते हैं जो धरती के बहुत पास से होकर गुजरते हैं। NASA इनकी लगातार निगरानी करता है कि कहीं ये धरती से टकरा न जाएं। NEO में Comets (धूमकेतु) भी आते हैं।

कॉमेट यानी धूमकेतु : बर्फ, धूल और गैस से बना हुआ बर्फीला पिंड। यह सूर्य से बहुत दूर होता है। जब सूर्य के पास आता है तो बर्फ पिघलने लगती है और इससे एक चमकती हुई पूंछ बनती है।

एस्टेरॉयड (क्षुद्र ग्रह) : ठोस, पत्थर या मेटल से बना होता है। यह एस्टेरॉयड बेल्ट में मिलता है। इसमें कोई पूंछ या बर्फ नहीं होती। इसका साइज कुछ मीटर से लेकर सैकड़ों किलोमीटर तक हो सकता है।

मिटियोराइट (उल्का पिंड) : जब कोई एस्टेरॉयड या उसका टुकड़ा धरती के वायुमंडल में घुसता है तो वहीं जल जाता है, तब यह मीटियोराइट (उल्का पिंड) कहलाता है। कई बार जलते हुए उसका कुछ हिस्सा धरती पर भी गिर जाता है। ये छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं जो कभी-कभी बड़ा नुकसान भी कर सकते हैं।

Tag: #nextindiatimes #Asteroid #WorldAsteroidDay

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