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Monday, March 17, 2025

बैडमिंटन की शटलकॉक में होते हैं इस चिड़िया के पंख

डेस्क। बैडमिंटन (badminton) खेलना किसे अच्छा नहीं लगता और इस गेम में अच्छे शटलकॉक (shuttlecock) का होना सबसे जरूरी होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि शटलकॉक में किस पक्षी का पंख लगा होता है? अगर शटलकॉक को बनाते समय एक भी गलती हुई, तो इसका असर खेल पर पड़ता है। इसे बनाने के बाद मशीन के जरिए टेस्टिंग (testing) भी की जाती है जिससे यह पता चल सके कि शटलकॉक सही से ग्लाइड होगी या नहीं।

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वैसे तो शटलकॉक (shuttlecock) को ट्रेडिशनली पंख से बनाया जाता था लेकिन अब प्लास्टिक का उपयोग भी किया जाता है। हालांकि स्टेट, नेशनल, इंटरनेशनल लेवल के खेलों के लिए हमेशा पंखों वाली शटलकॉक ही यूज होती है। अगर शटलकॉक (shuttlecock) का शेप सही नहीं होगा, तो यह ठीक से ग्लाइड नहीं करेगी। इसलिए कोनिकल (Conical) शेप को बनाने में बहुत ध्यान दिया जाता है। चाहे वो प्लास्टिक से बन रही हो या फिर असली पंखों से।

बता दें कि चीन में गूज फेदर्स का प्रयोग किया जाता है और भारत में व्हाइट डक के पंखों को इस्तेमाल किया जाता है। एक छोटी सी बॉल के इर्द-गिर्द स्कर्ट जैसे 16 पंख लगाए जाते हैं, जिन्हें धागे और ग्लू की मदद से जोड़ा जाता है। ये पंख पक्षी के शरीर से नोचे जाते हैं। आपको सुनकर हैरानी होगी कि ये पंख पक्षियों के शरीर से नोचे जाते हैं, जितनी जरूरत होती है उससे ज्यादा पंख नोचे जाते हैं और उसके बाद इन्हें साफ किया जाता है।

शटलकॉक (shuttlecock) बनाते समय पंखों की सफाई सबसे अहम होती है। सबसे पहले उन्हें इकट्ठा कर पानी में धोया जाता है। इसके बाद उन्हें सुखाकर दोबारा धोया जाता है। दरअसल, पंखों में पक्षियों के खून के धब्बे, मिट्टी, कीचड़ आदि बहुत ज्यादा लगा होता है। कई बार सफाई के समय पंख टूट भी जाते हैं। बता दें कि हमेशा ऐसे पंख इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनका वजन 1.7 ग्राम से 2.1 ग्राम के बीच होना चाहिए, ताकि शटलकॉक आसानी से उड़ सके।

Tag: #nextindiatimes #shuttlecock #badminton

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