नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव (Union Health Secretary) ने वायु प्रदूषण (pollution) के संबंध में सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक अद्यतन परामर्श जारी किया। इस परामर्श में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों (health systems) को मजबूत करने और कमजोर समूहों और जोखिम वाले व्यवसायों के बीच जागरूकता बढ़ाने की सिफारिशें शामिल हैं।
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इस सलाह में वायु प्रदूषण (pollution) से निपटने की रणनीतियों सहित जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों को संबोधित करने के लिए जिला और शहर स्तर पर विस्तृत कार्य योजनाएं विकसित करने का सुझाव दिया गया है। यह प्रभावी प्रतिक्रिया और निगरानी के लिए प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों (diseases) की निगरानी के लिए प्रहरी अस्पतालों (hospitals) के नेटवर्क का विस्तार करने पर भी जोर देता है।
इसमें स्वास्थ्य विभागों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए वायु प्रदूषण (pollution) के प्रभावों के लिए बेहतर तैयारी करने की रणनीति की रूपरेखा दी गई है, जिसमें विभिन्न मीडिया चैनलों पर क्षेत्रीय भाषाओं में लक्षित संदेश के माध्यम से जन जागरूकता बढ़ाना, वायु प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों पर स्वास्थ्य कर्मियों को शिक्षित करना और राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (NPCCHH) के तहत प्रहरी निगरानी प्रणालियों के माध्यम से वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों (diseases) की सक्रिय रूप से निगरानी करना शामिल है।
सलाह में बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, पहले से बीमार व्यक्तियों और प्रदूषण के संपर्क में आने वाले श्रमिकों जैसे संवेदनशील आबादी के लिए वायु प्रदूषण (pollution) के बढ़ते जोखिम पर भी प्रकाश डाला गया है। मुंबई, दिल्ली और उत्तरी भारत के क्षेत्रों सहित कई शहरों में वायु गुणवत्ता खराब हो गई है, जो गंभीर स्तर तक पहुंच गई है। बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने विभिन्न स्वास्थ्य जोखिमों पर चिंता जताई है।
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