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Saturday, May 24, 2025

‘युद्ध’ और ‘संघर्ष’ में क्या होता है अंतर, भारत में कैसे होती है युद्ध की घोषणा?

डेस्क। भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) ने शनिवार शाम 5 बजे से सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियों को रोकने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 12 मई को बातचीत होने वाली है। यह निर्णय उस समय लिया गया है जब दोनों देशों के बीच तनाव (India Pakistan tension) अपने चरम पर है। पिछले दिनों पाकिस्तान की ओर से मिसाइल और ड्रोन हमलों (drone attack) की कोशिशें हुईं जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया।

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इसके बाद भारत (India) ने इन घटनाओं को उकसावे वाला बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर अब कोई आतंकी हमला भारत में हुआ, तो उसे “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा। युद्ध की कार्रवाई (act of war) का मतलब सिर्फ टैंक या बमबारी नहीं होता। अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक, किसी देश पर जबरन हमला करना या हमला करने की धमकी देना भी युद्ध माना जा सकता है लेकिन अगर कोई देश खुद की रक्षा में हमला करता है, तो वह जायज होता है, बशर्ते हमला जरूरी हो और उचित सीमा में हो। छोटे हमलों या झड़पों पर बड़ा जवाब देना गैरकानूनी माना जाता है।

‘युद्ध’ और ‘संघर्ष’ में अंतर:

कई बार ‘युद्ध’ (war) और ‘संघर्ष’(conflict) शब्द एक-दूसरे की जगह इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन दोनों अलग हैं। युद्ध, जब दो देशों के बीच औपचारिक तरीके से बड़ी सैन्य कार्रवाई होती है और संघर्ष, सीमित झड़पें या घुसपैठ, जिन्हें युद्ध का दर्जा नहीं मिलता। भारत ने 1971 के बाद कभी युद्ध की घोषणा नहीं की, हालांकि कई बार युद्ध जैसी स्थिति बनी।

भारतीय संविधान में युद्ध की घोषणा के लिए कोई स्पष्ट अनुच्छेद नहीं है लेकिन अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जा सकता है। यदि देश (India) पर युद्ध या बाहरी हमला होता है। इस स्थिति में राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल घोषित किया जाता है, लेकिन यह निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर लिया जाता है। आपातकाल की घोषणा के बाद एक महीने के भीतर संसद से इसकी मंजूरी लेना आवश्यक होता है।

Tag: #nextindiatimes #IndiaPakistanwar #ceasefire

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