डेस्क। भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच संघर्ष विराम (Ceasefire) हो गया है। दोनों देश फिलहाल संघर्ष रोकने पर सहमत हो गए हैं। इस बीच यह शब्द (Ceasefire) अचानक चर्चा में आ गया है। ऐसे में आपको बताते हैं कि आखिर सीजफायर होता क्या है। दरअसल, सीजफायर का मतलब होता है किसी भी संघर्ष पर विराम लगा देना। यानी इसके लागू होने पर संघर्ष (conflict) अस्थायी या स्थायी तौर पर रुक जाता है।
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संघर्ष कर रहे दो देश जब भी बॉर्डर (border) पर आक्रामक कार्रवाई रोकने के लिए तैयार हो जाते हैं और वादा करते हैं कि इसे रोक दिया जाएगा तो इसे दो देशों के बीच हुआ सीजफायर माना जाता है। सीजफायर (Ceasefire) के हमेशा ही औपचारिक तौर पर किसी संधि की जरूरत नहीं होती है। दो देश अपनी सहमति के आधार पर भी यह फैसला ले सकते हैं। ये समझौता पूरा होने के बाद भी अगर कोई देश बॉर्डर पर अपने एक्शन जारी रखता है तो इसे सीजफायर का उल्लंघन माना जाता है।

सीजफायर (Ceasefire) का मतलब युद्ध या संघर्ष को अस्थाई या स्थाई रूप से रोकना होता है। सीजफायर तब लागू किया जाता है जब दो या दो से अधिक पक्ष (जैसे देश, सेना या समूह) आपसी सहमति से गोलीबारी, हमले और सैन्य कार्रवाई रोकने पर तैयार होते हैं। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान तत्काल प्रभाव से सीज़फायर पर सहमत हो गए हैं।
भारत और पाकिस्तान की बात की जाए तो जब 1947 में कश्मीर के लिए दोनों देशों के बीच जंग हुई। इस युद्ध को रोकने के लिए यूनाइटेड नेशन बीच में आया। यूएन के हस्तक्षेप के बाद 1949 में भारत-पाकिस्तान ने अपनी सहमति से जम्मू-कश्मीर पर एक लाइन स्थापित की, जिसे सीजफायर लाइन माना गया। इस लाइन पर सहमति बनाने के लिए भारत और पाकिस्तान के तब के आर्मी चीफ ने बैठक भी की थी।
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