डेस्क। बाजार (market) में इन दिनों हर चीज का नकली रूप मौजूद है। खाने की चीज हो या सोना (gold) या हीरा हर चीज इस वक्त बाजार में नकली मौजूद है। आज इस लेख (article) में हम आपको बताएंगे असली और नकली हीरे (diamond) में क्या फर्क होता है और असली हीरे की पहचान कैसे की जाती है?
यह भी पढ़ें-24 कैरेट गोल्ड से नहीं बना सकते ज्वेलरी, जानें क्यों की जाती है मिलावट
बात जब हीरे (diamond) की जाए तो हीरे की पहचान करना सोने, चांदी से भी ज्यादा मुश्किल होता है लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिससे हीरे की परख की जा सकती है। असली हीरे की बनावट अंदर से ऊबड़ खाबड़ होती है। यानी उसके अंदर की बनावट चिकनी नहीं होती है। असली हीरे में कुछ ना कुछ खांचे होते हैं।
वहीं अगर आप नकली हीरे (diamond) को देखेंगे तो वह अंदर से एक दम चिकना होता है। वहीं अगर आपका हीरा असली है तो जब हीरे को पराबैंगनी किरण में देखेंगे, तो वह हीरा नीली रौशनी के साथ चमकेगा लेकिन अगर पराबैंगनी किरण में देखने पर आपके हीरे से हलकी पीली हरी या फिर स्लेटी रंग की रौशनी निकले तो समझ लीजिये की ये हीरा नकली है।

एक बात और कही जाती है कि असली हीरा (diamond) पानी में डालते ही डूब जाता है, जबकि नकली हीरा पानी के ऊपर तैरने लगता है। हालांकि ये तभी मुमकिन है जब नकली हीरा प्लास्टिक ग्लास का बना हो। इसके आर-पार आप आराम से देख सकते हैं। हीरे की गुणवत्ता को चार मूल मानकों पर परखा जाता है जिन्हें 4C कहा जाता है।
Cut- जितना बेहतर कट होगा; हीरे की चमक उतनी ज्यादा होगी।
Clarity- हीरे में मौजूद अंदरूनी खामियाँ इसकी क्लास तय करती हैं।
Color- बेहतरीन हीरे बिल्कुल रंगहीन होते हैं।
Carat- हीरे का वजन जितना ज्यादा, कीमत उतनी अधिक होगी।
Tag: #nextindiatimes #diamond #gold