स्पोर्ट्स डेस्क। खेल की दुनिया में कई कहानियां प्रेरणा देती हैं लेकिन पोलैंड की पैरा एथलीट रोजा कोजाकोव्स्का ने जो किया, वह किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नही है। 2025 न्यू वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रोजा ने सुबह अस्पताल के बेड पर रहते हुए भी शाम तक गोल्ड मेडल (gold medal) जीतकर दुनिया को चौंका दिया।
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30 सितंबर की सुबह रोजा को हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की वजह से बेहोशी आ गई थी। उल्टी और कमजोरी की हालत में उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें आराम की जरूरत है और खेल में हिस्सा लेना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। लेकिन रोजा का हौसला कम नहीं हुआ।
उन्होंने डॉक्टरों से कहा, “मैं यहां सिर्फ मौजूद रहने नही बल्कि खेलने के लिए आई हूं।” इसके बाद उन्होंने जिद कर छुट्टी ली और सीधे स्टेडियम पहुंच गई। शाम को रोजा ने महिला एफ-32 क्लब थ्रो इवेंट में हिस्सा लिया। उनका शरीर बहुत कमजोर था, लेकिन उनका जज्बा बुलंद। उन्होंने 29.30 मीटर का थ्रो फेंका, यह थ्रो उनके अपने विश्व रिकॉर्ड से थोड़ा कम था लेकिन पदक जीतने के लिए काफी था। उनका थ्रो इस चैंपियनशिप का नया रिकॉर्ड बन गया है। इसी थ्रो की बदौलत रोजा ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

रोजा की कहानी यहीं खत्म नही होती है। बचपन में उन्हें ब्लड डिसऑर्डर था, जिसके लिए कीमोथेरेपी हुई। इसके बाद लाइम डिजीज के कारण वह क्वाड्रिप्लेजिक हो गई, यानी उनके चारों अंगों में लकवा जैसे लक्षण आने लगे। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप और टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भी पदक जीते। उनकी गिनती दुनिया की शीर्ष पैरा एथलीट्स में की जाती है।
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