नई दिल्ली। महाराष्ट्र (Maharashtra) के संभाजीनगर जिले में मौजूद औरंगजेब के मकबरे (Aurangzeb Makbara) को लेकर बवाल मचा हुआ है। बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज कर दी है। हिंदू संगठनों ने तो धमकी तक दे डाली है कि यदि सरकार कार्रवाई करने में विफल रही तो वे ‘कारसेवा’ करेंगे।
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दूसरी तरफ इन धमकियों के बीच पुलिस ने शहर में अलर्ट जारी किया है। मकबरे के बाहर भारी फोर्स की तैनाती की गई है। आपको बता दें कि औरंगजेब (Aurangzeb) का मकबरा बेहद ही साधारण तरीके से बनाया गया है। यहां केवल मिट्टी है। मकबरा एक साधारण सफेद चादर से ढंका रहता है। कब्र के ऊपर एक तुलसी का पौधा लगाया गया है; जिसे सब्जा कहा जाता है। दरअसल औरंगजेब ने कहा था कि मेरा मकबरा बहुत सादा होना चाहिए। इसे ‘सब्जे’ के पौधे से ढंका होना चाहिए और इसके ऊपर छत न हो।

इस मकबरे के पास एक पत्थर लगा है जिस पर शहंशाह औरंगजेब का पूरा नाम-अब्दुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन औरंगजेब आलमगीर लिखा है। औरंगजेब (Aurangzeb) का जन्म साल 1618 में हुआ था और उनका निधन 1707 में हुआ। औरंगजेब ने अपनी जिंदगी के करीब 37 साल औरंगबाद में बिताए थे। यही वजह थी कि उसे औरंगाबाद से बेहद लगाव था। उसने औरंगाबाद में ही अपनी बेगम की कब्र ‘बीबी का मकबरा’ बनवाया था, जिसे दक्कन का ताज भी कहा जाता है।

इसके अलावा, यहीं पर उसके पीर की कब्र भी थी, जिसे वह बहुत मानता था। औरंगजेब (Aurangzeb) ने यह भी कहा था कि मेरी मौत भारत में कहीं भी हो, लेकिन मुझे दफन यहीं सूफी संत जैनुद्दीन शिराजी के पास होना चाहिए। आपको बता दें कि पाकिस्तान में औरंगजेब को आदर्श मुस्लिम शासक के रूप में जाना जाता है। उसके बारे में यह पढ़ाया जाता है कि उसने शासन में धर्म को ऊपर रखा।
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