नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में अदाणी (Adani) के मुद्दे पर अब तक हंगामा ही देखने को मिला है। कांग्रेस (Congress) की ओर से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। वहीं अब विपक्षी सदस्यों में से टीएमसी (TMC) के सुर अलग सुनाई पड़ रहे हैं। एक बार फिर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इंडिया गठबंधन से अलग स्टैंड लेती हुई दिख रही हैं।
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तृणमूल कांग्रेस (TMC) टीएमसी ने बुधवार अपने सांसदों की बैठक में कांग्रेस से अलग राह अपनाने का फैसला किया है। यह बैठक संसद के दोनों सदनों में अडानी मामले पर कांग्रेस (Congress) के हंगामे के बीच हुई। टीएमसी चाहती है कि संसद चले ताकि जनता के मुद्दे उठाए जा सकें। राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बताया कि टीएमसी संसद में जनता की आवाज बनना चाहती है।
TMC पश्चिम बंगाल को केंद्र से मिलने वाले फंड में कथित कमी और मणिपुर की स्थिति जैसे मुद्दे को उठाना चाहती है। टीएमसी लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, टीएमसी चाहती है कि संसद चले। हम नहीं चाहते कि एक मुद्दा संसद को बाधित करे। हमें इस सरकार को उसकी कई विफलताओं के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, TMC संसद चलाना चाहती है। हम नहीं चाहते कि एक ही मुद्दा संसद को ठप करे। इस सरकार को उसकी नाकामियों के लिए जवाबदेह ठहराना जरूरी है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी इंडिया गठबंधन में अपनी एक अलग जगह बनाती हुई दिख रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस (Congress) की हालिया चुनावी हार और बंगाल उपचुनाव में टीएमसी की जीत के बाद यह स्थिति और मजबूत हुई है। बनर्जी सहित I.N.D.I.A गठबंधन के अधिकांश दिग्गजों के गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की उम्मीद है। यह विपक्षी गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन का एक मंच होगा।
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