डेस्क। America के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अमेरिकी टीवी चैनल से बातचीत में बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गुप्त रूप से भूमिगत परमाणु परीक्षण कर रहा है। ट्रंप के मुताबिक रूस और चीन जैसे देश भी ऐसी ही गतिविधियों में शामिल हैं। खैर आइए जानते हैं कि अमेरिका कैसे लगाता है कि कौन सा देश परमाणु बम बना रहा है?
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अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा इंटेलिजेंस नेटवर्क है। उसकी जासूसी एजेंसी CIA (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के एजेंट लगभग हर देश में मौजूद हैं। ये एजेंट सिर्फ सूचनाएं ही नहीं जुटाते बल्कि कई बार उस देश की सरकारी व्यवस्था में भी घुसपैठ कर लेते हैं। इसी वजह से अमेरिका को अक्सर पहले से ही मालूम होता है कि कौन देश क्या बना रहा है, किस प्रयोगशाला में कौन सा हथियार तैयार हो रहा है और किस डिपार्टमेंट में क्या प्लान बन रहा है। लेकिन आज हालात बदल चुके हैं।

अमेरिका ने स्पेस सर्विलांस सिस्टम को इतना मजबूत बना लिया है कि कोई भी देश पूरी तरह छिपकर परीक्षण नहीं कर सकता है। उसकी नई तकनीक Foo Fighter Satellite दुनिया के हर कोने में हाइपरसोनिक मिसाइल की गतिविधियों पर नजर रखती है। यह पता लगाती है कि कौन-सा देश मिसाइल बना रहा है, किस दिशा में दागी जा रही है और किस टारगेट को हिट किया गया है। इसे अमेरिकी स्पेस फोर्स का मिसाइल ट्रैकिंग स्पेसक्राफ्ट कहा जा रहा है।
ये जासूसी अब जासूसों के जरिए नहीं बल्कि सैटेलाइट्स, डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए होती है और शायद यही वजह है कि जब भी कोई देश कुछ गुप्त करने की कोशिश करता है, अमेरिका को सबसे पहले भनक लगती है।
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