डेस्क। भारत में शेयर बाजार के दो प्रमुख एक्सचेंज हैं। इनमें से एक है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या BSE। वहीं सेंसेक्स एक इंडेक्स है। इसका मतलब है स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स। यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है। इसका पूरा नाम एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स (Sensex) है। सेंसेक्स को ये नाम एक मार्केट एनालिस्ट ने दिया था।
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“सेंसेक्स” शब्द 1989 में स्टॉक मार्केट एनालिस्ट दीपक मोहनी ने “सेंसिटिव” और “इंडेक्स” शब्दों को मिलाकर बनाया था। उन्होंने यह मिला-जुला शब्द इसलिए बनाया क्योंकि ऑफिशियल नाम, “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स,” बहुत लंबा था। उस समय BSE सेंसिटिव इंडेक्स लगभग 750 पॉइंट्स पर था। सेंसेक्स शब्द सेंसिटिव और इंडेक्स शब्दों को मिलाकर बना है।
BSE का नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज रहा है। इसे असल में 1875 में “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के नाम से शुरू किया गया था और बाद में इसका नाम बदलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कर दिया गया, जिसके बाद आधिकारिक तौर पर इसका नाम BSE Ltd कर दिया गया।

1875 में शुरू किया गया BSE एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है और भारत के प्रमुख एक्सचेंज ग्रुप्स में से एक है। भारतीय कैपिटल मार्केट को डेवलप करने में इसकी अहम भूमिका मानी जाती है। BSE एक कॉर्पोरेटाइज्ड और डीम्यूचुअलाइज्ड एंटिटी है, जिसका शेयरहोल्डर बेस बहुत बड़ा है। इसमें दो प्रमुख ग्लोबल एक्सचेंज, ड्यूश बोर्स और सिंगापुर एक्सचेंज स्ट्रेटेजिक पार्टनर के तौर पर शामिल हैं। BSE इक्विटी, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स, म्यूचुअल फंड्स में ट्रेडिंग के लिए एक कुशल और ट्रांसपेरेंट मार्केट प्रदान करता है। BSE कैपिटल मार्केट में हिस्सा लेने वालों को रिस्क मैनेजमेंट, क्लियरिंग, सेटलमेंट, मार्केट डेटा सर्विस और एजुकेशन जैसी कई दूसरी सर्विस भी देता है।
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