नई दिल्ली। टीएमसी (TMC) नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है। कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ (Mahua Moitra) की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
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बता दें संसद से अपने निष्कासन को लेकर महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं। महुआ ने कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आपके (बीजेपी) के अंत की शुरुआत है। 49 साल की महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था।
इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा (Mahua Moitra) के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत भेजी थी। उनपर आरोप था कि उन्होंने संसदीय वेबसाइट पर एक गोपनीय खाते में लॉग-इन करने के लिए हीरानंदानी को अपनी आईडी और पासवर्ड दे दिया था, ताकि वह सीधे प्रश्न पोस्ट कर सकें। हालांकि, महुआ मोइत्रा ने इस बात को कबूल किया उन्होंने अपनी लोकसभा की लॉग-इन आईडी हीरानंदानी के लोगों को दी थी, लेकिन उन्होंने हीरानंदानी से कोई गिफ्ट या पैसे नहीं लिए। वहीं, वो भाजपा सांसद द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लगातार निराधार बताती रहीं हैं।
आपको बता दें कैश फॉर क्वेरी मामले में आरोप सिद्ध होने के बाद टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की सांसदी को लोकसभा (Lok Sabha)ने रद्द कर दिया था। अब इस मामले को लेकर महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर लोकसभा की एथिक्स कमेटी की सिफारिश और उनके खिलाफ लाए गए प्रस्ताव को गलत बताया है। महुआ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया था।
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