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Wednesday, June 18, 2025

जनगणना कराने में कितना आता है खर्च?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार (central government) ने जाति जनगणना कराने की घोषणा कर दी है। बुधवार को CCPA की बैठक के बाद मोदी सरकार ने इसके बारे में फैसला लिया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि सरकार जनगणना (census) के साथ ही जातिगत जनगणना भी कराएगी। आगामी जनगणना में जाति गणना (Caste census) भी की जाएगी, जो आजादी के बाद पहली बार होगी।

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2011 में जब देश भर में जनगणना (census) हुई थी तो इसको कराने में 2200 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। तब देश की जनसंख्या 1,210,854,977 करोड़ थी। ऐसे में प्रति व्यक्ति जो खर्च आया था वो तकरीबन 18 रुपए के आसपास आया था। अगर 2025 में जनगणना कराई जाती है तो सरकार का कितना खर्च आएगा, इसे इंफ्लेशन के फॉर्मूले से पता किया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार फिलहाल देश की जनसंख्या 140 करोड़ है तब देशभर में जनगणना कराने में जो खर्च आएगा वो तकरीबन 15,666 करोड़ रुपए का खर्च होगा। आपको बता दें इससे पहले देश में 2011 में यूपीए सरकार के टाइम में जनगणना (census) हुई थी, इसमें देश की कुल आबादी 120 करोड़ थी। आपको बता दें इस जनगणना को पूरी करने में करीब 2200 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

2011 में देश में जो जनगणना (census) हुई थी वो देश की 15वीं और स्वतंत्र भारत की 7वीं जनगणना थी। इस जनगणना में में कुल 6,40,867 गांव और 7,935 शहर (कस्बों) शामिल किए गए थे। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार भारत की जनसंख्या 1,210,854,977 थी। इसमें 623.72 मिलियन (51.54%) पुरुष और 586.46 मिलियन (48.46%) महिलाएं शामिल थीं।

Tag: #nextindiatimes #census #Castecensus

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