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Tuesday, June 17, 2025

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कल, जानें कन्हैया के पूजन का शुभ मुहूर्त

डेस्क। जन्माष्टमी (Janmashtami) के पर्व को बहुत शुभ माना जाता है। यह त्योहार भगवान कृष्ण (Lord Krishna) को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 2024 वर्ष में जन्माष्टमी (Janmashtami) 26 अगस्त को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन (Janmashatami 2024 Subh Muhurat) सच्चे भाव के साथ कान्हा जी (Lord Krishna) की पूजा-अर्चना करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।

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वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 अगस्त, 2024 दिन रविवार को रात 3 बजकर 39 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 26 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी (Janmashtami) 26 अगस्त को मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12 बजे से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

पंचांग में बताया गया है कि कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो दोपहर 03:55 से शुरू होगा और पूर्ण रात्रि तक रहेगा। इसके साथ 03:55 तक कृतिका नक्षत्र और इसके बाद रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) शुरू हो जाएगा। दान पुण्य के लिए अभिजीत मुहूर्त को सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त का समय सुबह 11:55 से दोपहर 12:50 तक रहेगा।

पूजा विधि:

(Janmashtami) पर ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और भक्तिपूर्वक कठोर व्रत रखने का संकल्प लें। पूजा की शुरुआत से पहले घर और मंदिर को साफ करें। लड्डू गोपाल जी (Lord Krishna) का पंचामृत व गंगाजल से अभिषेक करें। फिर उन्हें नए सुंदर वस्त्र, मुकुट, मोर पंख और बांसुरी आदि से सजाएं। पीले चंदन का तिलक लगाएं। माखम-मिश्री, पंजीरी, पंचामृत, ऋतु फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं। कान्हा (Lord Krishna) के वैदिक मंत्रों का जाप पूरे दिन मन ही मन करें। आरती से पूजा का समापन करें। अंत में शंखनाद करें। इसके बाद प्रसाद का वितरण करें। अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।

Tag: #nextindiatimes #Janmashtami #LordKrishna

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