लाइफस्टाइल डेस्क। हम में से ज्यादातर लोग पान (betel leaves) को महज खाने के बाद जबान का स्वाद बदलने वाली चीज मानते हैं। यह एक ऐसी परंपरा जो हमारे खान-पान (diet) का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, जिस पान के पत्ते को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। वह अपने आप में एक औषधीय शक्ति का भंडार है। आइए आज हम इस हरे पत्ते के कुछ ऐसे अद्भुत और प्रमाणित फायदों के बारे में जानते हैं; जिन्हें अब आधुनिक विज्ञान ने भी स्वीकार किया है और उन पर मुहर लगाई है।
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आजकल खान-पान में गड़बड़ी के कारण कई महिलाएं पेट से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहती हैं। ऐसे में आप पान के पत्ते (betel leaves) से राहत पा सकती हैं। इस पत्ते में यूजेनॉल नाम का नेचुरल तत्व होता है। यह पाचक एंजाइमों को बढ़ाता है, जिससे भोजन को बेहतर तरीके से तोड़ने और पचाने में मदद मिलती है।
इसमें हल्के लैक्सेटिव गुण भी होते हैं, जो ब्लोटिंग की समस्या को कम करने और कब्ज से राहत दिलाते हैं। इसलिए भोजन के बाद पान का पत्ता चबाना पाचन के लिए एक बेहतरीन नेचुरल विकल्प है। इसके अलावा सौंफ और पान के पत्ते (betel leaves) को उबालकर इसका पानी पीने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। पान का पत्ता अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और कफ-निवारक गुणों के लिए जाना जाता है। यह श्वसन मार्ग को खोलने और गले की जलन को शांत करता है।

बढ़ते तनाव के कारण सिरदर्द की समस्या आम हो गई है। घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारियों के कारण महिलाओं को सिरदर्द की समस्या बहुत ज्यादा सताती है। इससे बचने के लिए ज्यादातर महिलाएं दवाओं का सहारा लेती हैं। अब आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपको सिर्फ 5 पान के पत्ते (betel leaves) से आराम मिल सकता है। इसमें नेचुरल कूलिंग और पेनकिलर गुण होते हैं। सिरदर्द होने पर आप एक फ्रेश पान के पत्ते को हल्का गर्म करके माथे पर रख सकती हैं। यह नसों के तनाव को कम कर सकता है। इसके अलावा, पान के कोमल पत्तों का पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से भी तनाव या साइनस से होने वाले सिरदर्द में आराम मिलता है। यह दोनों ही तरीके दिमाग को शांत कर के राहत पहुंचाते हैं।
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