नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी नाग मिसाइल Mk 2 का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण 13 जनवरी को पोखरण फील्ड रेंज में हुआ। नाग Mk 2 (Nag missile) एक तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक मिसाइल है। यह ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ तकनीक पर काम करती है। मतलब एक बार निशाना लगाने के बाद मिसाइल खुद ही उसे तबाह कर देती है।
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परीक्षण में मिसाइल ने कम और ज्यादा दोनों दूरियों पर निशाने को सटीकता से भेद दिया। इसके साथ ही नाग मिसाइल कैरियर (संस्करण 2) का भी मूल्यांकन किया गया। अब यह पूरी वेपन सिस्टम भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी है। DRDO ने 13 जनवरी, सोमवार को पोखरण में नाग Mk 2 मिसाइल का परीक्षण किया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह ‘थर्ड-जेनेरेशन एंटी-टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल’ है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अधिकतम और न्यूनतम दोनों रेंज पर लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया। इससे मिसाइल की मारक क्षमता साबित होती है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षणों के दौरान ‘नाग मिसाइल कैरियर’ (Mk 2) का भी मूल्यांकन किया गया। इन सफल परीक्षणों के साथ, अब पूरा हथियार प्रणाली भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। तीन फील्ड परीक्षणों के दौरान, मिसाइल सिस्टम ने सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया। इसने अपनी फायरिंग रेंज को साबित कर दिया।

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि गाइडेड मिसाइल का परीक्षण हाल ही में पोखरण फील्ड रेंज में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक किया गया। नाग मिसाइल कैरियर संस्करण-2 का भी फील्ड मूल्यांकन किया गया। इसके साथ, अब पूरा हथियार प्रणाली भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय सेना और उद्योग को नाग Mk 2 के पूरे हथियार प्रणाली के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है।
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