एटा। उत्तर प्रदेश के एटा (Etah) से एक ऐसा प्रेरणादायक दृश्य सामने आया है जिसने हर किसी का दिल छू लिया है। जहां एक ओर लोग भोलेनाथ की भक्ति में लीन हैं। वहीं इस कलियुग में बेटों ने अपने माता पिता की गंगा स्नान की इच्छा पूर्ण करने के लिए पत्नी और बच्चों सहित श्रवण कुमार बनकर अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को कांधे पर कांवड़ (Kanwar) में बैठाकर यात्रा पर निकले हैं।
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ये दृश्य एटा (Etah) के जलेसर कस्बे के मोहल्ला थोक में दिखा; जब श्रवण कुमार बने बेटे और पोतों ने दादी और बाबा को कंधे पर कांवर धारण कर कछला गंगा घाट पर गंगा स्नान कराया और जल भरकर वापस ले जा रहे थे। दरअसल जनपद हाथरस के सादाबाद क्षेत्र के बुढ़ाइच गांव के रहने वाले राजकुमार अपने पिता पातीराम और मां अमन देवी को अपनी पत्नी और बेटे योगेश और उसकी पत्नी यशवती और बेटे जितेंद्र उसकी पत्नी गीता देवी निशांत और शिवकेश के साथ बूढ़े माता पिता के साथ कावड़ यात्रा (Kanwar Yatra) लेकर निकले है।

राजकुमार के साथ उनके बेटे योगेश, जितेंद्र, निशांत और शिवकेश, बहुएं यशवती और गीता देवी भी इस यात्रा में शामिल हुए। यह यात्रा (Kanwar Yatra) केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं थी, बल्कि एक भावनात्मक और प्रेरणास्पद सफर था, जिसमें तीन पीढ़ियां एक साथ चल रहीं थीं। यात्रा की शुरुआत कछला गंगा घाट से हुई और ये परिवार एटा होते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे है। इस परिवार ने कांवर (Kanwar) में जल भरने के साथ-साथ अपने माता-पिता को विशेष झूलेनुमा कांवर में बैठाकर पूरे मार्ग में खुद अपने कंधों पर उठाते हुए जा रहे है।
इस परिवार को देखकर राहगीर रुकते, जय भोलेनाथ के नारे लगाते और श्रवण कुमार जैसे बेटों को नमन करते दिखे। आज के युग में जब रिश्तों में समय और संवेदनाएं दोनों कम होती जा रही हैं, यह परिवार समाज के लिए एक मिसाल बन गया है।
(रिपोर्ट- हर्ष द्विवेदी, एटा)
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