33.5 C
Lucknow
Tuesday, April 15, 2025

एक या दो नहीं; बाबा आंबेडकर के पास थीं इतनी डिग्रियां कि चौंक जाएंगे आप

डेस्क। हर वर्ष 14 अप्रैल को देश में संविधान (constitution) निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर (Baba Ambedkar) की जयंती मनाई जाती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर का मानना था कि शिक्षा हर किसी को मिलनी चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या समाज से आता हो। आज के इस खास मौके पर जानते है डॉ. आंबेडकर के पास कितनी डिग्रियां (degrees) थीं।

यह भी पढ़ें-बाबा साहेब आंबेडकर ने क्यों छोड़ा हिन्दू धर्म, ये थी वजह

डॉ. आंबेडकर (Baba Ambedkar) का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक स्थान पर हुआ था। वे एक ऐसे समुदाय से ताल्लुक रखते थे जिसे उस समय समाज में ‘अछूत’ कहा जाता था। लेकिन बाबा साहेब ने इस भेदभाव को चुनौती दी, शिक्षा को अपना हथियार बनाया और न केवल खुद आगे बढ़े बल्कि पूरे दलित समुदाय (Dalit community) को एक नई दिशा दी।

बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर (Baba Ambedkar) ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त की। स्कूली दिनों में ही उन्होंने भारतीय समाज में जातिगत भेदभाव और अछूत माने जाने की पीड़ा को नजदीक से महसूस किया, जो उनके जीवन भर के संघर्ष और विचारधारा की नींव बना। डॉ. आंबेडकर ने सतारा में अपनी स्कूली पढ़ाई जारी रखी। इसी दौरान उनकी मां का निधन हो गया। इसके बाद उनकी देखभाल उनकी चाची ने की। कुछ समय बाद वे मुंबई लौट आए, जहां उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनकी शिक्षा में मदद के लिए बड़ौदा रियासत के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने उन्हें छात्रवृत्ति (scholarship) प्रदान की।

डॉ. आंबेडकर ने कुल 32 शैक्षणिक डिग्रियां (academic degrees) हासिल कीं जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उनकी पढ़ाई का जुनून उन्हें भारत से लेकर अमेरिका और ब्रिटेन तक ले गया। कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमए और पीएचडी करने के बाद उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मात्र दो साल तीन महीने में 8 साल की पढ़ाई पूरी कर “डॉक्टर ऑफ साइंस” की डिग्री हासिल की। यह डिग्री पाने वाले वह दुनिया के पहले व्यक्ति थे।

डॉ. आंबेडकर ने विभिन्न विश्वविद्यालयों से एलएलडी, डीएससी, और डीलिट जैसी उच्चतम डिग्रियां हासिल कीं। बॉम्बे यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, उस्मानिया यूनिवर्सिटी, नागपुर यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने उनकी विद्वता को सलाम किया। ये भी कहा जाता है कि डॉ. आंबेडकर (Baba Ambedkar) को एक-दो नहीं बल्कि 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा मृत्यु के समय डॉ. आंबेडकर के पास 30 से 35 हजार किताबें थीं।

Tag: #nextindiatimes #BabaAmbedkar #constitution #BhimraoAmbedkar

RELATED ARTICLE

close button