डेस्क। बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरो पर है। सभी राजनीतिक दल जनता को अपने वादों से लुभाने की पूरी कोशिश में लगे हैं। ऐसे में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया हर इलेक्शन के दौरान कुछ नियम कानून लागू करता है जिन्हें मॉडल code of conduct कहा जाता है। आपने अक्सर इलेक्शन के समय आचार संहिता शब्द सुना होगा लेकिन कभी सोचा है कि क्या है ये आचार संहिता और कब ये लागू होती है?
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कोड ऑफ कंडक्ट; जो सभी राजनीतिक दलों के बीच समानता लाने और किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो इस बात को सुनिश्चित करने के लिए लगाई जाती है। इसके अलावा ये भी देखा जाता है कि कई बार पॉलिटिकल पार्टियां अपने लाभ के लिए गवर्नमेंट रिसोर्सेज का इस्तमाल कैंपेनिंग में और कई चीजों में करती हैं। ऐसे में इन रिसोर्सेज का गलत इस्तेमाल न हो ये आचार संहिता का उद्देश्य होता है।

आचार संहिता तब तक लागू रहती है जब तक चुनाव और वोट काउंटिंग पूरी नहीं हो जाती। इसके बाद जैसे ही चुनाव के रिजल्ट की घोषणा होती है, आचार संहिता हट जाती है। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के कितने दिन बाद वोटिंग शुरू होगी इस बात का भी कोई फिक्सड जवाब नहीं है क्योंकि इस घोषणा के 3-6 हफ्तों बाद अक्सर वोटिंग शुरू हो जाती है। लेकिन कई बार इससे अधिक समय भी लग जाता है।
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी पार्टी किसी भी प्रकार की नई योजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती है। इस दौरान चुनावी रैलियों या सभाओं के लिए पुलिस से अनुमति लेनी होती है। आचार संहिता लगते ही धर्म या जाति के आधार पर वोट मांगना भी मना होता है।
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