डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 12 अप्रैल 2025, शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) मनाया जा रहा है। इस दिन हनुमान जी की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। मंदिरों (temple) में हनुमान जी के जन्मोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी (Hanuman ji) का जन्म कहां हुआ था?
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कुछ शास्त्रों में ऐसा वर्णन आता है कि कैथल ही हनुमानजी का जन्म स्थान है।कपिस्थल कुरु साम्राज्य का एक प्रमुख भाग था। हरियाणा (Haryana) का कैथल पहले करनाल जिले का भाग था। यह कैथल ही पहले कपिस्थल था। डांग जिले के आदिवासियों की सबसे प्रबल मान्यता यह भी है कि डांग जिले के अंजनी पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमान जी (Hanuman ji) का भी जन्म हुआ था।
कहा जाता है कि अंजनी माता ने अंजनी पर्वत पर ही कठोर तपस्या की थी और इसी तपस्या के फलस्वरूप उन्हें पुत्र रत्न यानी कि हनुमानजी (Hanuman ji) की प्राप्ति हुई थी। माता अंजनी ने अंजनी गुफा में ही हनुमानजी को जन्म दिया था। अन्य मान्यताओं में भगवान हनुमान का जन्म कर्नाटक के किष्किंधा में एक पर्वत पर हुआ था। इस पर्वत की एक शिला दूर से देखने पर उनके चेहरे जैसी आकृति बनाती है। यहां जाने वाला हर शख्स इसे देखकर चमत्कार ही समझता है। इस पर्वत पर ऊपर चढ़ने पर एक मंदिर है; जहां हनुमानजी का जन्म बताया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमानजी (Hanuman ji) का जन्म झारखंड राज्य के गुमला जिले के आंजन गांव की एक गुफा में हुआ था। मान्यताओं के अनुसार आंजन गांव में ही माता अंजनी निवास करती थीं और इसी गांव की एक पहाड़ी पर स्थित गुफा में रामभक्त हनुमान का जन्म हुआ था। यहां बालक पवन सुत हनुमान को माता अंजनी की गोद में लिए हुए एक पत्थर की प्राचीन मूर्ति स्थापित है।
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