डेस्क। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार आज देश भर में मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति सनातन धर्म का सबसे महत्पूवर्ण त्योहार है। इस दिन स्नान, पूजा पाठ और दान का बेहद महत्व है। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के मौके पर गंगासागर (Gangasagar) में पुण्य स्नान का शुभ मुहूर्त शुरू होते ही सोमवार सुबह जनसैलाब उमड़ पड़ा।
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मेला क्षेत्र तीर्थ यात्रियों (pilgrims) से भरा हुआ है। आपको बता दें कि ये वहीं स्थान है जहां त्रेता युग में जिस सागर तट पर स्वर्ग से उतरीं मां गंगा ने राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर स्पर्श कर मोक्ष प्रदान किया था। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर पुण्य स्नान का शुभ मुहूर्त सोमवार सुबह 7:19 शुरू हुआ है। यह दोपहर 12.30 बजे तक रहेगा। पुण्य स्नान की कुल अवधि 5.30 घंटे की है। महापुण्य स्नान की कुल अवधि एक घंटा 43 मिनट बताई गई है। मगर सवेरे छह बजे से ही श्रद्धालुओं ने गंगा और सागर के संगम पर डुबकी लगानी शुरू कर दी थी।
उत्तरकाशी के पौराणिक मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat), लक्षेश्वर, शंकर मठ, केदार घाट, नाकुरी, देवीधार, गंगोरी अस्सी गंगा तट आदि स्नान घाटों पर सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। इसके अलावा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के महादेव घाट पर सुबह से स्नान करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई। भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। स्नान करके हाटकेश्वर महादेव का दर्शन करके परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की। नदी में स्नान करने का सिलसिला सुबह से शुरू हुआ जो दोपहर तक चलता रहेगा।
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मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर सुबह से ही लोग छतों पर चढ़ गए और पतंग (kite) उड़ाने लगे। वो काटा, वो मारा के शोर के बीच तिल के लड्डू और कचौरी-पकौड़े के नाश्ते के बीच लोग पतंग उड़ा रहे हैं। बच्चे, युवा अलसुबह छतों पर जा चढ़े, दिन चढ़ने के साथ ही शहरों में पतंगबाजी (kite) भी आसमान छूने लगी।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर सुबह और शाम 4 घंटे पतंगबाजी पर रोक के बावजूद भी लोग पतंग (kite) उड़ाते रहे। सरकार के सुबह 6 बजे से 8 बजे और शाम को 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी नहीं करने के आदेशों की भी पालना नहीं हुई। इसके अलावा पतंगबाजी में चाइनीज मांझा, प्लास्टिक, सिंथेटिक मांझा और जहरीले मेटल से बने मांझे पर रोक के बावजूद भी दुकानों पर धड़ल्ले से बिक्री होती रही।
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