नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केरल (Kerala) की एक नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) मामले में सुनवाई के लिए राजी हो गई है। निमिषा को यमन (Yemen) में फांसी की सजा सुनाई गई है। इसकी तारीख 16 जुलाई बताई जा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह याचिका की सुनवाई 14 जुलाई को करेगी। याचिका में मांग की गई है कि भारत सरकार कूटनीतिक रास्तों का इस्तेमाल कर निमिषा की जान बचाए।
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निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। उन पर 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का आरोप लगा था। साल 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी आखिरी अपील भी खारिज हो गई। अब वह यमन (Yemen) की राजधानी सना की जेल में बंद हैं।
याचिका में वकील सुभाष चंद्रन केआर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शरिया कानून के मुताबिक, मृतक के परिवार को ‘ब्लड मनी’ (Blood Money) देकर निमिषा (Nimisha Priya) को माफी दिलाने का रास्ता खोजा जा सकता है। अगर मृतक का परिवार इस पैसे को स्वीकार कर लें तो निमिषा की सजा माफ हो सकती है। वकील ने जोर देकर कहा कि इसके लिए जल्द से जल्द कूटनीतिक कदम उठाने की जरूरत है।

इस्लामिक कानून के अनुसार, अपराध के पीड़ितों को यह तय करने का अधिकार है कि अपराधी को कैसे दंडित किया जाए। दंड देने का एक विकल्प है क़िसास और दूसरा दियाह (जिसे ब्लड मनी भी कहा जाता है)। क़िसास का मतलब मोटे तौर पर ‘जान के बदले जान’ होता है। इसके अनुसार हत्या के मामले में, पीड़ित परिवार अपराधी को मौत देने की सजा चुन सकता है।
हालांकि, मारे गए शख्स का परिवार दोषी के परिवार से एक रकम लेकर अपराधी को माफी दे सकता है। इसे ब्लड मनी कहा जाता है। निमिषा (Nimisha Priya) की मां ब्लड मनी देकर सैटलमेंट करना चाहती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अगर दोनों पक्षों में समझौता हो जाता है तो इसकी जानकारी वहां की अदालत को हलफनामे के जरिए दी जाएगी। इसके बाद कोर्ट दोषी को रिहाई करने का आदेश देता है।
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