वाराणसी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़ी 32 साल पुरानी याचिकाओं पर आज सुनवाई होगी। ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट एक साथ सुनवाई कर रहा है। फिलहाल आज हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत इस मुकदमे को सुन सकती है या नहीं।
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32 साल पुरानी याचिकाओं में से तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई हैं, जबकि दो अर्जियां ASI के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ हैं। आपको बता दें साल 1991 के मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी। यह मुकदमा साल 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था। पिछली सुनवाई पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील ने कोर्ट से समय मांगा था। मस्जिद पक्ष के सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने मोहलत मांगी थी। अदालत ने पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था।
मुस्लिम पक्ष ने तीन बार जजमेंट रिजर्व होने के बाद फिर से सुनवाई किए जाने के फैसले पर ऐतराज जताया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया था कि पिछले कई सालों में करीब 75 कार्य दिवसों पर इस मामले में सुनवाई हो चुकी है। ऐसे में अब इस मामले में फिर से सुनवाई नहीं की जा सकती। मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता की सिंगल बेंच में होगी।
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