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Monday, May 19, 2025

World IBD Day: जानें पश्चिमी दुनिया की बीमारी कैसे पहुंची भारत, क्या होते हैं लक्षण

हेल्थ डेस्क। आईबीडी यानी इंफ्लेमेटरी बाउल सिंड्रोम (Inflammatory Bowel Syndrome) आंतों में होने वाली एक गंभीर बीमारी (disease) है। इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 19 मई को वर्ल्ड आईबीडी डे (World IBD Day 2025) मनाया जाता है। आईबीडी (IBD) का कोई इलाज नहीं है। इसलिए इसे मैनेज कैसे करना जरूरी है। आइए जानते हैं कि आईबीडी होता क्या है, इसके लक्षण (IBD Symptoms) कैसे होते हैं और इसे कैसे मैनेज कर सकते हैं।

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एक समय में, सूजन आंत्र रोग (IBD) परंपरागत रूप से पश्चिमी दुनिया की एक बीमारी थी। पिछले दो दशकों में एशियाई देशों में आईबीडी की घटनाओं और व्यापकता में तेजी से वृद्धि हुई है। इस बीमारी के लिए पश्चिमी जीवन शैली सहित पर्यावरणीय कारणों को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसी कारण से आईबीडी को हमेशा शहरी वातावरण की एक बीमारी माना गया है।

Inflammatory bowel disease (IBD) एक क्रॉनिक इंफ्लेमेशन है, जो व्यक्ति की आंतों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण अचानक से बढ़ जाते हैं, जो पेट में तेज दर्द और डायरिया के रूप में सामने आते हैं। आईबीडी का फ्लेयर अप कब होगा इसका पता लगाना मुश्किल हो सकता है लेकिन मल में खून आना, थकान, अकारण वजन कम होना, क्रॉनिक डायरिया, पेट के निचले हिस्से में दर्द आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।

ज्यादा तनाव की वजह से भी आईबीडी ट्रिगर हो सकता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेज करने के लिए हॉबीज पर ध्यान दें। स्ट्रेस रिलीफ एक्टिविटीज जैसे मेडिटेशन या योग आदि करें। स्मोकिंग की वजग से भी इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है, जो आईबीडी के लक्षणों को और गंभीर बना सकता है। अपने साथ एक इमरजेंसी किट रखें, जिसमें एक्स्ट्रा अंडरवियर, टिश्यू, वाइप्स, दवाएं आदि रखें क्योंकि पता नहीं होता कि आईबीडी के लक्षण कब फ्लेयर अप हो जाएं। इसलिए साथ में इमरजेंसी किट रखना फायदेमंद है।

Tag: #nextindiatimes #WorldIBDDay2025 #HEALTH

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