डेस्क। राजस्थान, मध्य प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को झटका लगा है। पार्टी तीनों राज्यों में चुनाव हारने की तरफ बढ़ रही है। पार्टी की हार का असर संबंधित राज्यों के अलावा दिल्ली में पार्टी के मुख्यालय पर भी देखने को मिला।बीजेपी की आंधी में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मानो उड़ से गए है।
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जीत की उम्मीद में कांग्रेस ने खूब तैयारी की थी। हालांकि हार के बाद ढोल-नगाड़े की तैयारियां धरी रह गईं। पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ता सुबह से ही मोबाइल पर काउंटिंग और रुझान देख रहे थे। रुझानों के बाद दोपहर तक चारों राज्यों में स्थिति साफ हो गई थी। इसके बाद जीत की उम्मीद खत्म हो चुकी थी। दोपहर तक पार्टी मुख्यालय से कार्यकर्ता लौटने लगे।
कांग्रेस नेताओं ने राज्यों में कई गारंटी की भी घोषणा की। पार्टी ने जाति आधारित जनगणना, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, 100 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं के लिए 1,500 रुपये की घोषणा की। उधर, बीजेपी ने भी इन पांचों राज्यों में आक्रामक अभियान चलाया। कांग्रेस की नजर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लगातार दूसरे कार्यकाल पर थी। हालांकि, रुझानों के मुताबिक, पार्टी दोनों राज्यों में पीछे चल रही है।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, इस साल 22 अगस्त से 81 वर्षीय खड़गे ने तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी के घोषणापत्र को लॉन्च करने के लिए 42 सार्वजनिक बैठकों और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में से एक राहुल गांधी ने 5 अक्टूबर से पांच राज्यों में लगभग 64 सार्वजनिक बैठकें, पदयात्राएं, रोड शो और लोगों के साथ सार्वजनिक संवाद किया। यहां तक कि उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी 44 सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और सड़क पर रैली की। कांग्रेस को मध्य प्रदेश में भी जीत का भरोसा था। हालांकि भगवा पार्टी ने राज्य में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और जीत हासिल की।
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