पटना। बिहार के बाहुबली नेता Anant Singh ने मोकामा सीट पर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को 28,206 वोटों से मात दी। उनकी जीत ऐसे समय में हुई है जब वे दुलारचंद यादव की कथित हत्या के आरोप में जेल में बंद है। बिहार की राजनीतिक चर्चा में एक बड़ा सवाल छाया हुआ है कि क्या अनंत सिंह जेल से ही पद की शपथ ले सकते हैं या फिर नहीं।
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चुनाव जीतने से अनंत सिंह को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए जेल से बाहर आने का अधिकार खुद ब खुद नहीं मिल जाता। अब क्योंकि वे न्यायिक हिरासत में है इस वजह से वे अदालत की अनुमति मिलने पर ही जेल से बाहर आ सकते हैं। अब अनंत सिंह शपथ ग्रहण कर पाते हैं, विधानसभा में उपस्थित हो पाते हैं और विधायक के रूप में काम कर पाते हैं यह सब कुछ पूरी तरह से अदालत के फैसले पर निर्भर करता है।

दरअसल अनंत सिंह की गिरफ्तारी काफी नाजुक समय पर हुई है। जिस कथित हत्या के मामले में वे वर्तमान में जेल में है उसमें पुलिस ने अभी तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। जब तक ऐसा नहीं हो जाता उनकी जमानत मिलने की संभावना थोड़ी कम है।
अदालतें कभी-कभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ लेने के लिए एक अस्थायी जमानत या फिर कस्टडी पैरोल दे देती हैं लेकिन यह कोई अधिकार नहीं है बल्कि यह पूरी तरह से अदालत के विवेक पर निर्भर करता है। अगर अनुमति मिल भी जाती है तो ऐसी राहत अक्सर प्रतिबंधों के साथ आती है और शपथ लेने के तुरंत बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस जेल लौटना पड़ता है।
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