लाइफस्टाइल डेस्क। इन दिनों हर तरफ रमजान (Ramadan) की रौनक देखने को मिल रही है। यह पाक महीना इस्लाम धर्म के लिए काफी अहम होता है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हुए अपना समय बिताते हैं। साथ ही इस पवित्र महीने के खत्म होने के बाद ईद (Eid-ul-Fitr) का त्योहार मनाया जाता है। इस त्यौहार में मीठी सेवईयों (sweet vermicelli) का अपना ही महत्व है।
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ईद-उल-फित्र (Eid-ul-Fitr), जिसे अक्सर ईद या मीठी ईद कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर में सबसे जरूरी त्योहारों में से एक है। भारतीय उपमहाद्वीप में मुसलमान घरानों में ये बात कही जाती है कि बिना सेवइयां तो ईद ही अधूरी है। जब लोग ईद की नमाज पढ़कर घर लौटते हैं तो इस दौरान महिलाएं और बच्चियां, अपने करीबी रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसियों के घर सेवईंया (sweet vermicelli) लेकर जाती हैं। सेवई बनाने को लेकर मान्यता यह है कि ये आपसी तालमेल और रिश्ते में मिठास भरता है।

लोग इसे खाने के अलावा एक दूसरे को उपहार भी देते हैं और भाईचारे में मिठास की कामना करते हैं। ये सेवई (sweet vermicelli) भी दो तरीके से बनाई जाती है। पहला शीर खुरमा तो दूसरा किमामी सेवई। शीर खुरमा में दूध और मेवा को एक साथ पकाया जाता है और ईद (Eid-ul-Fitr) वाले दिन घर पर आए मेहमानों को नाश्ते में परोसा जाता है। किमामी सेवई (sweet vermicelli) की बात करें तो इसे चाशनी के साथ पकाया जाता है। किमामी सेवई को बनाने में चीनी मेवा और सेवई का यूज किया जाता है।
यह पर्व पवित्र महीने रमजान (Ramadan) के अंत का प्रतीक है। रमजान खत्म होने के बाद चांद नजर आने के अगले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस बार रमजान शुक्रवार, 28 फरवरी से शुरू हुआ था और रविवार, 30 मार्च को खत्म होगा। ऐसे में अगर 31 मार्च को चांद दिखाई पड़ता है, तो 1 अप्रैल को ईद (Eid-ul-Fitr) मनाने की उम्मीद है।
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