नई दिल्ली। भारत में अपनी धार्मिक मान्यताओं और आस्था के लिए पूरी दुनिया में Neem Karoli Baba का आश्रम जाना जाता है। यहां कई सारे मंदिर और तीर्थ स्थल मौजूद हैं, जिनके दर्शन करने देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। उत्तराखंड (Uttarakhand) में मौजूद नीम करौली बाबा (Kainchi Dham History) का आश्रम इन्हीं जगहों में से एक है, जहां लगभग रोजाना ही भारी संख्या में लोग दर्शन के लिए जाते हैं।
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इतना ही नहीं देश-विदेश की कई मशहूर हस्तियां भी यहां बाबा का आर्शीवाद लेने आ चुकी हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा यह आश्रम एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो 20वीं सदी के महान संत नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba) के लिए जाना जाता है। हालांकि इस आश्रम को कैंची धाम (Kainchi Dham) के नाम से भी जाना जाता है। अब ऐसा क्यों है, चलिये आपको बताते हैं इसका इतिहास और इसका महत्व।
नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba), जिन्हें उनके भक्त महाराजजी के नाम से जानते हैं, का जन्म उत्तर प्रदेश (भारत) के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में एक धनी ब्राह्मण जमीदार परिवार में हुआ था। उनका नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था और 11 साल की उम्र में भी उनकी शादी हो गई थी। हालांकि शादी के तुरंत बाद वह घर छोड़कर गुजरात चले गए और पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर घूमते रहे। अपने पूरे जीवनकाल में कई चमत्कार किए और लोगों को जीवन जीने की राह दिखाई।

नीम करौली बाबा का आश्रम कैंची में स्थित होने की वजह से कैंची धाम (Kainchi Dham) कहलाता है। उत्तराखंड सरकार की ऑफिशिय वेबसाइट के मुताबिक यह जगह दो पहाड़ियों के बीच स्थित है, जो एक दूसरे को काटकर कैंची का आकार बनाती हैं, इसलिए इसे कैंची धाम (Kainchi Dham) कहा जाता है। कैंची मंदिर के पास एक गुफा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह वह जगह है, जहां महाराजजी ध्यान और प्रार्थना करते थे।
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