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Saturday, November 2, 2024

आखिर छोटी दिवाली को ही नरक चतुर्दशी क्यों कहते हैं, जानें क्या है महत्व

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डेस्क। दीपावली (Diwali) को हिंदुओं का सबसे बड़ा व प्रमुख त्योहार कहा जा सकता है। वहीं दीवाली (Diwali) से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2024) मनाई जाती है, जिसे हम छोटी दीवाली के रूप में जानते हैं। इस दिन को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है, जिसका संबंध भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) से है।

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पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भौमासुर अर्थात नरकासुर (Narakasura) नामक एक राक्षस ने तीनों लोकों में हाहाकार मचाया हुआ था। मनुष्यों से लेकर देवता तक उसके अत्याचारों से परेशान थे। नरकासुर (Narakasura) को यह श्राप मिला हुआ था कि उसकी मृत्यु केवल किसी स्त्री के हाथों ही होगी, इसलिए उसने लगभग 16 हजार कन्याओं का हरण कर लिया। इस स्थिति से निपटने के लिए इंद्रदेव, भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) से सहायता मांगने पहुंचे।

इंद्रदेव की प्रार्थना स्वीकार करते हुए, भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ नरकासुर (Narakasura) का वध करने निकल गए। उन्होंने सत्यभामा को अपना सारथी बनाया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध कर दिया। इसके बाद श्रीकृष्ण और सत्यभामा ने राक्षस की कैद से 16100 कन्याओं को मुक्त करवाया। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) द्वारा नकारासुर (Narakasura) का वध कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ही किया गया था। इसलिए हर साल इस तिथि को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है, जिसे हम सभी छोटी दीवाली के रूप में जानते हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होने जा रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में छोटी दीवाली (Diwali) अर्थात नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) बुधवार, 30 अक्टूबर को मनाई जा रही है।

Tag: #nextindiatimes #NarakChaturdashi #Diwali

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