लाइफस्टाइल डेस्क। फोन (Phone) अब हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। एक-दूसरे से बात करने के लिए हम फोन पर ही निर्भर करते हैं। अब अगर आपने ध्यान दिया होगा, तो चाहे आप किसी से भी बात करें, सबसे पहला शब्द (first telephone greeting) मुंह से ‘Hello’ ही निकलता है। सिर्फ फोन करने वाला ही नहीं, बल्कि फोन उठाने वाला भी सबसे पहले ‘हैलो’ ही बोलता है।
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क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है (why do we say hello on phone)? आखिर “हैलो” शब्द का इस्तेमाल (hello word origin) फोन पर बात शुरू करने के लिए ही क्यों किया जाता है? इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है। दरअसल टेलिफोन के आविष्कारक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) की गर्लफ्रेंड का नाम ‘मार्गरेट हैलो’ था। उन्होंने फोन पर बात करते समय अपनी गर्लफ्रेंड का नाम लिया और तभी से फोन पर सबसे पहले हैलो बोलकर बात शुरू की जाती है।

लेकिन आपको बता दें कि इस कहानी का कोई ठोस सुबूत नहीं है। दरअसल, ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) की गर्लफ्रेंड का नाम मेबेल हवार्ड था, जिससे आगे चलकर उन्होंने शादी भी की। हैलो शब्द की शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई। इससे पहले फोन पर बात करने के लिए अहोय शब्द का इस्तेमाल किया जाता था। ग्राहम बेल ने सबसे पहले हैलो नहीं, बल्कि अहोय बोला था। “Hello” से पहले लोग फोन पर बात करने के लिए अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करते थे, जैसे “अहोय” (Ahoy) या “क्या आप सुन रहे हैं?” (Do you hear me?)। इससे गर्लफ्रेंड वाली कहानी तो झूठी साबित हो जाती है।
बल्ब के आविष्कारक थॉमस एडिसन ने साल 1877 में फोन पर बातचीत शुरू करने के लिए “हैलो” (Hello) शब्द के इस्तेमाल का सुझाव दिया। एडिसन का मानना था कि यह शब्द स्पष्ट और आसानी से सुनाई देने वाला है। धीरे-धीरे यह प्रचलन में आ गया और आज पूरी दुनिया में फोन पर बात शुरू करने के लिए “हैलो” का ही इस्तेमाल किया जाता है।
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