नई दिल्ली। अमेरिकी टैरिफ (Trump’s tariff) से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई है। इस टैरिफ का असर भारतीय शेयर बाजार (stock market) में देखने को मिला है। कल शेयर बाजार के मुख्य इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में भारी बिकवाली देखी गई है। ऐसी स्थिति में निवेशक सुरक्षित प्लेटफॉर्म की ओर रूझान करते हैं। जिससे ये कयास लगाए जा रहे थे कि सोने की कीमत (Gold prices) में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि हुआ इसके ठीक विपरीत ही।
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ग्लोबल बाजारों (global markets) में भी सोने के दाम (Gold prices) में गिरावट आई है। विदेशी बाजारों में सोने का दाम 0.55 फीसदी घटा है। अमेरिकी बाजारों में सोने की कीमत $3,021.51 प्रति औंस है। भारत समेत लगभग 180 देशों से भी अधिक पर अमेरिकी टैरिफ लगाया गया है। भारत में अमेरिका ने 26 फीसदी टैरिफ (Trump’s tariff) लगाने का फैसला किया है। दरअसल टैरिफ के बाद पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ रहा है। जिसकी वजह से निवेशक गोल्ड बेचना शुरू कर रहे हैं।

सोने और चांदी की कीमतें वैश्विक मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती हैं। जबकि कुछ देशों पर ट्रंप के टैरिफ (Trump’s tariff) का असर पड़ा था, सोने और चांदी की कीमतों पर इस टैरिफ का उतना प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि ये धातुएं एक वैश्विक बाजार में ट्रेड होती हैं। दूसरे शब्दों में, ये धातुएं केवल एक देश के बजाय वैश्विक स्तर पर मूल्य निर्धारण करती हैं।
टैरिफ (Trump’s tariff) ने कई उत्पादों की आपूर्ति-श्रृंखला को प्रभावित किया, सोना और चांदी की आपूर्ति अक्सर सरकारी भंडारों और खनन से होती है, जो टैरिफ से कम प्रभावित होते हैं। इसके अलावा इन धातुओं की वैश्विक आपूर्ति बहुत बड़ी और विविधतापूर्ण है, जिससे किसी एक देश की टैरिफ नीति का असर सीमित रहता है। इन सभी कारणों से सोना और चांदी पर ट्रंप के टैरिफ का अपेक्षित असर देखने को नहीं मिला।
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