डेस्क। ‘हवाला’ अगर आप सिर्फ इस शब्द को देखें, तो उसका मतलब होता है किसी बात, व्यक्ति पर भरोसा करना। बस ‘हवाला कारोबार’ (Hawala) की नींव भी यही भरोसा है। पैसे के लेनदेन का ये तरीका कई सदियों से इस्तेमाल हो रहा है। दुनिया भर में सरकारों (governments) और एजेंसियों की नजर से बचने के लिए हवाला के माध्यम से मनी का ट्रांजेक्शन (money transaction) होता है।
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हवाला (Hawala) एक अनौपचारिक और गैर-कानूनी धन हस्तांतरण प्रणाली है, जो पारंपरिक बैंकिंग या वित्तीय संस्थानों के बाहर संचालित होती है। इसमें पैसा एक देश से दूसरे देश या एक जगह से दूसरी जगह बिना किसी आधिकारिक रिकॉर्ड या ट्रांजेक्शन के ट्रांसफर किया जाता है। इसका उपयोग काले धन (black money) को सफेद करने, टैक्स चोरी और गैर कानूनी लेन देन के रूप में करते है।
बता दें कि भारत में हवाला (Hawala) लेन देन एक अवैध गतिविधि मानी जाती है और यह मुख्य रूप से दो कानूनों के तहत दंडनीय है: विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002। हवाला लेनदेन में पकड़े जाने पर सजा की अवधि और जुर्माना अपराध की गंभीरता और संदर्भ पर निर्भर करते हैं।

धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (Money Laundering Act 2002) के तहत यदि हवाला (Hawala) लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ पाया जाता है, तो 3 साल से लेकर 7 साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा अपराध नशीले पदार्थों या आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ा हो तो सजा 7 साल से बढ़कर आजीवन कारावास (life imprisonment) तक हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो आमतौर पर 5 लाख रुपये तक हो सकता है, हालांकि यह राशि मामले के आधार पर भिन्न हो सकती है।
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