लखनऊ। 75वें गणतंत्र दिवस (Republic Day) का जश्न आज पूरा देश मना रहा है। इस खास मौके पर दिल्ली में कर्तव्य पथ पर झांकियां निकाली गई। इन्हीं झांकी (tableau) में से एक झांकी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की थी। ये काफी खास थी। कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित हुई उत्तर प्रदेश की झांकी (tableau) विकसित भारत-समृद्ध विरासत की थीम पर आधारित है।
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झांकी (tableau) में प्रदेश की विरासत के साथ ही श्रीराम मंदिर स्वरूप पर स्थापित रामलला (Ramlala) की सुंदर प्रतिमा को लिया गया है। झांकी (tableau) चली तो इंदिरानगर निवासी वीरेंद्र वत्स के गीत ने एक बार फिर देश को प्रदेश (Uttar Pradesh) के विकास की दास्तां बताई। उनके लिखे गीत को सौमी शैलेश और मनीषा ने स्वर दिया है तो राजेश सोनी ने संगीत से सजाया है। गीत की पंक्तियां आज धरा के भाग्य खुले हैं, पावन बेला आई, रामलला (Ramlala) ने जन्म लिया है, घर-घर बजे बधाई, यहां कुंभ की छटा देखकर, दुनिया जय-जय बोले, नए उद्यमों ने विकास के नए रास्ते खोले, छंटी धुंध उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की, नई रोशनी छाई, नई रोशनी छाई…।
मूल रूप से सुलतानपुर (Sultanpur) कादीपुर के गोपालपुर सरायख्वाजा गांव के रहने वाले गीतकार वीरेंद्र वत्स इससे पहले यूपी की झांकी (tableau) के लिए गीत लिख चुके हैं और 2021 और 2022 में झांकी को पहला स्थान भी मिल चुका है। उनका कहना है कि मेरा सौभाग्य है कि मेरे गीत को लगातार सरकार झांकी (tableau) में शामिल कर रही है। विकास के पथ पर प्रदेश (Uttar Pradesh) आगे बढ़ रहा है और उनके शब्दों में पिरोने की क्षमता को लोग पसंद करते हैं, यही मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है।
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