उत्तराखंड। उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) विधेयक को पेश कर दिया गया। जिसके बाद राज्य विधानसभा के अंदर विधायकों द्वारा “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए गए। इसके साथ ही उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है।
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उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) देश की पहली विधानसभा बन गई है, जहां समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा हो रही है। बता दें कि देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की बात भारतीय जनता पार्टी के शुरुआती घोषणापत्रों (manifesto) में से एक रही है। अब इसी तर्ज पर कई अन्य प्रदेशों में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया जा सकता है। उत्तराखंड (Uttarakhand) की पुष्कर सिंह धामी सरकार इस मामले में रिकॉर्ड बनाने में सफल हो गई है। यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने से धार्मिक आधार पर मिलने वाली स्वतंत्रता लोगों से छिन जाएगी। चलिए आपको बताते हैं कि इस विधेयक के लागू होने से क्या होगा-

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) से तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा और तलाक (divorce) के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा। गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा और संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा। इसके अलावा अन्य धर्म (religion) या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा। सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी तथा लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण (registration) जरूरी होगा। एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा जिससे बहुपत्नी प्रथा होगी समाप्त। हालांकि गौर करने वाली बात ये है कि प्रदेश की जनजातियां इस कानून से बाहर होंगी।
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