पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit) जिले में रात के अंधेरे में एक बाघ (tiger) गांव में घुस गया। जिसके बाद इलाके में अफरा तफरी मच गई। ये बाघ (tiger) एक घर की दीवार पर चढ़ गया और वहां आराम से बैठ गया। घर में बाघ की मौजूदगी की सूचना मिलने पर वन विभाग (forest department) की टीम मौके पर पहुंची।
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काफी कवायद के बाद आज सुबह वन अधिकारियों ने बाघ (tiger) के बेहोश होने के बाद उसे पिंजरे में बंद किया और अपने साथ ले गए। बता दें कि ये बाघ (tiger) पीलीभीत जिले के टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) जंगल से निकलकर रात को कली नगर इलाके के अटकोना गांव पहुंच गया। काफी दिन निकल जाने के बाद भी बाघ दीवार से टस से मस नहीं हुआ। आस पास के इलाकों में बाघ की खबर आग की तरह फैल गई। जिसके बाद दीवार पर सोते बाघ (tiger) का नजारा देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। बाघ ने गांव के निवासियों को पूरी रात जगाए रखा और एक दीवार पर ही बैठा रहा।
इस घटना के बाद से इलाके के लोगों में वन विभाग (forest department) के खिलाफ आक्रोश भी देखने को मिला है। लोगों का कहना है कि वन विभाग के अफसरों की लापरवाही से जंगल से बाघ (tiger) घरों में घुसने लगे है। आपको बता दें यह पहली बार नहीं है कि बाघ किसी गांव में घुसा हो। पीलीभीत के गांवों में बाघ लगातार दस्तक दे रहे है, जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।
पीलीभीत (Pilibhit) एक बाघ अभ्यारण्य है और जिले में बाघ (tiger) के हमलों में चार महीने में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। 2015 में टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) के निर्माण के बाद से कम से कम चार दर्जन बाघों के हमले की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
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