नई दिल्ली। हाल ही में एक बार फिर चर्चा में आया है IRCTC होटल घोटाला, जिसमें पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार और साजिश के आरोप तय हुए हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले के बाद मामला फिर सुर्खियों में है लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह देश का सबसे बड़ा घोटाला (scam) है?
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आज हम आपको देश के सबसे बड़े घोटाले के बारे में बताने जा रहे हैं। इस घोटाले ने न सिर्फ सरकार को झकझोर दिया था, बल्कि पूरे देश की जनता को हिला दिया था। इस घोटाले का असर इतना ज्यादा था कि तत्कालीन सरकार के लिए वापस सत्ता में लौटना ही असंभव बन गया था।
2G स्पेक्ट्रम घोटाला भारत के सबसे चर्चित और आर्थिक रूप से सबसे बड़े घोटालों में से एक है। इसमें सरकार ने मोबाइल टेलीकॉम कंपनियों को 2G स्पेक्ट्रम लाइसेंस बाजार मूल्य से कई गुना कम कीमत पर दिए गए थे। इसमें अनुमानित नुकसान लगभग 1.76 लाख करोड़ रुपये बताया गया। इस मामले ने तत्कालीन यूपीए सरकार की छवि को बहुत प्रभावित किया और राजनीति में भारी हलचल मचाई।

इसके अलावा ‘कोलगेट’ स्कैम के आगे भी सारा फर्जीवाड़ा बौना साबित हो जाता है। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के समय हुए इस घोटाले का पर्दाफाश तत्कालीन कैग अध्यक्ष विनोद राय ने किया था। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकार के मंत्रियों ने गलत तरीके से कोयला खदानों का आवंटन कर इस घोटाले को अंजाम दिया था। कैग की रिपोर्ट में सरकार के कई मंत्रियों को कटघरे में खड़ा किया गया था। इन कोल ब्लॉक के आवंटन से सरकार को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था।
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