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Sunday, October 19, 2025

पटाखों की तेज आवाज से हो सकती है कानों की यह बीमारी, ऐसे करें बचाव

लाइफस्टाइल डेस्क। दिवाली का त्योहार रोशनी और उल्लास का पर्व है लेकिन इसके साथ ही पटाखों (firecrackers) की तेज और कर्कश आवाज एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा भी पैदा करती है। विशेषज्ञों के अनुसार पटाखों की अचानक और अत्यधिक तेज ध्वनि हमारे कानों की सुनने की क्षमता को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे बहरापन का जोखिम बढ़ जाता है।

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अगर बात करें कि इंसान किस डेसिबल तक आवाज सुनने में सक्षम होता है तो वह है 85 डेसिबल। इससे अधिक जितना साउंड बढ़ता है, उतना ही हमें दिक्कत होने लगती है। जब हम अचानक काफी तेज आवाज सुनते हैं, तो इससे हमें नोइस इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस की समस्या होने लगती है। यह दिक्कत कई बार इतनी ज्यादा हो जाती है कि इसके कारण इअरड्रम फट जाना, कान में लगातार आवाज आना और परमानेंट हियरिंग लॉस तक हो सकता है।

तेज आवाज सीधे हमारे अंदरूनी कान में मौजूद कॉक्लिया को प्रभावित करती है। कॉक्लिया में बाल जैसी बहुत छोटी और नाजुक संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं। ये कोशिकाएं ध्वनि तरंगों को तंत्रिका संकेतों में बदलकर दिमाग तक भेजती हैं। पटाखों की तेज आवाज इन कोशिकाओं को अत्यधिक कंपन के कारण स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती है। एक बार नष्ट होने पर, ये कोशिकाएं दोबारा उत्पन्न नहीं होतीं और यही स्थायी बहरेपन का कारण बन सकता है।

पटाखों के शोर से बचने के लिए कुछ सरल सावधानियां अपनाना जरूरी है। पटाखों को जलाते समय उनसे सुरक्षित दूरी पर खड़े रहें। आवाज का प्रभाव दूरी के साथ कम होता है। ईयरप्लग या इयरमफ पहनने से कान सुरक्षित रहते हैं। छोटे बच्चों के कान खासतौर पर नाज़ुक होते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा पर अतिरिक्त ध्यान दें।

Tag: #nextindiatimes #Lifestyle #Diwali2025 #firecrackers

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