पटना। मोकामा में राजद नेता और जनसुराज समर्थक दुलारचंद की हत्या के केस में जेडीयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक Anant Singh को गिरफ्तार किया गया है। अनंत सिंह बाहुबली माने जाते हैं और उनका आपराधिक सफर काफी लंबा रहा है। अस्सी के दशक में अनंत कुनबे का आतंक बिहार में छाया हुआ था। इनके बड़े भाई और पूर्व मंत्री दिलीप सिंह की पटना में अपराध जगत में तूती बोलती थी।
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इधर,बाढ़ और मोकामा में अनंत सिंह की आपराधिक सत्ता कायम हो गयी। अनंत सिंह की आपराधिक सफर का इतिहास काफी लंबा है। अस्सी के दशक में गांव के ही मुन्नी लाल सिंह से इनकी खूनी अदावत छिड़ गयी। इस अदावत में अनंत सिंह के बड़े भाई विरंची सिंह की मुन्नी लाल सिंह ने हत्या कर दी। इसके पूर्व अनंत सिंह ने भी मुन्नी लाल सिंह के कई स्वजनों को मौत के घाट उतार दिया था।

मुन्नी- अनंत के बीच कई वर्षों तक खूनी अदावत बाढ़ की धरती को खून से सींचती रही। बेगूसराय के पास मुन्नी लाल सिंह की हत्या के बाद अनंत सिंह कुनबे का खौफ बाढ़ में इस कदर छा गया कि खिलाफ में जिसने भी आवाज निकाली, उसकी जुबान हमेशा के लिये खामोश कर दी गयी। अस्सी के ही दशक में अनंत सिंह की अदावत मोकामा के महेश सिंह के साथ ठन गयी।
1995 के चुनाव में बाढ़ विधान सभा क्षेत्र से अनंत सिंह के भाई सच्चिदानंद सिंह उर्फ फाजो सिंह ने अपनी किस्मत तो आजमाई, लेकिन अपने ही वंश के विवेका पहलवान की चुनावी मौजूदगी में इनकी हार हो गयी। अनंत सिंह का दो दशक का जितना लंबा सियासी सफर रहा है, उससे कहीं लंबा आपराधिक इतिहास भी है।
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