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Saturday, July 27, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने धार भोजशाला के ASI सर्वे पर रोक से किया इनकार

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला (Dhar Bhojshala) और कमल मौला मस्जिद में ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने निर्देश दिया है कि ऐसी कोई खुदाई नहीं की जाएगी, जिससे भोजशाला (Dhar Bhojshala) के स्ट्रक्चर में बदलाव हो।

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अंतरिम निर्देश में आज (1 अप्रैल) कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्पष्ट किया कि विवादित स्थलों (Dhar Bhojshala) पर कोई भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे इसका स्वरूप बदल जाए।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले में स्थित भोजशाला (Dhar Bhojshala) परिसर एक ऐतिहासिक स्थल है, जिस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही अधिकार जताते हैं। भोजशाला परिसर (Dhar Bhojshala), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित 11वीं शताब्दी का स्ट्रक्चर है, जो दोनों पक्षों के लिए महत्व रखती है। हिंदू इसे वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर के रूप में मानते हैं, जबकि मुस्लिम इसे कमल मौला मस्जिद का नाम देते हैं। 7 अप्रैल, 2003 को एएसआई (ASI) की व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को पूजा करते हैं, जबकि मुस्लिम परिसर के भीतर शुक्रवार को नमाज अदा करते हैं।

इस मामले पर हिंदू पक्ष का कहना है कि धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला (Dhar Bhojshala) है। इसे राजा भोज ने 1034 ईस्वी में संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था। मगर बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हाईकोर्ट (High Court) में आवेदन दिया था, जिस पर पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई (ASI) को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।

Tag: #nextindiatimes #ASI #survey #DharBhojshala

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