लाइफस्टाइल डेस्क। हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है, क्योंकि शुरुआत में इसके लक्षण साफ नहीं दिखाई देते। लेकिन हैरानी की बात यह है कि हमारे शरीर में एक ऐसा अंग है जो सबसे पहले हाई बीपी के संकेत (High Blood pressure) दिखाना शुरू कर देता है और वह है हमारी आंखें।
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आंखों की रेटिना में होने वाले बदलाव न सिर्फ हाई ब्लड प्रेशर का इशारा करते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि यह समस्या कितनी गंभीर है और इसने शरीर के अन्य अंगों को कितना नुकसान पहुंचाया है। हमारे शरीर में आंख ही एकमात्र ऐसा अंग है जहां हम बिना किसी सर्जरी के सीधे ब्लड वेस्लस को देख सकते हैं। रेटिना की छोटी ब्लड वेसल्स बहुत सेंसिटिव होती हैं और ब्लड प्रेशर में होने वाले मामूली उतार-चढ़ाव का भी सीधा असर उन पर पड़ता है।

जब ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा रहता है, तो ये छोटी वेस्लस सख्त और संकरी होने लगती हैं, जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ सकता है। लंबे समय तक अगर हाई बीपी की समस्या बनी रहे, तो रेटिना को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, जिसे मेडिकल भाषा में ‘हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी’ कहा जाता है।
सख्त और मोटी आर्टरीज जहां-जहां वेन्स को क्रॉस करती हैं, वहां उनपर दबाव डालने लगती हैं। इससे वेन्स में रक्त का प्रवाह बाधित होता है। इस अवस्था को AV Nicking कहा जाता है। जब हाइपरटेंसन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है या लंबे समय तक बना रहता है, तो यह दृष्टि के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। हाई बीपी रेटिना की नाजुक ब्लड वेस्लस को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनमें से फ्लूएड और खून का रिसाव होने लगता है। इससे रेटिना में सूजन आ जाती है।
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