डेस्क। सनातन धर्म में भाद्रपद माह में दस दिवसीय Ganesh Chaturthi की शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। वहीं, अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन गणेश महोत्सव का समापन होता है। इस साल 27 अगस्त से लेकर 06 सितंबर तक Ganesh Chaturthi है।
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क्या आपको पता है कि Ganesh Chaturthi के दिन चंद्र दर्शन की मनाही है? अगर गलती से देख भी लेते हैं, तो साधक पाप के भागी बनते हैं। गणेश पुराण के अनुसार, चिर काल में महर्षि नारद अपने आराध्य भगवान शिव से मिलने कैलाश पहुंचे। कुशलक्षेम पूछने के बाद उन्होंने भगवान शिव को एक दिव्य फल दिया और कहा कि जो आपको प्रिय है- उसे ही यह फल प्रदान करें।
ब्रह्मा जी ने कहा कि यदि फल एक ही है, तो इस फल का हकदार कार्तिकेय हैं। बड़ा होने के चलते कार्तिकेय को ही यह दिव्य फल मिलना चाहिए। यह देख भगवान गणेश रुष्ट हो गए। उन्होंने ब्रह्मा जी को सबक सीखने को सोच ली। गणेश जी भी ब्रह्म लोक पहुंच गए और उग्र रूप में आकर ब्रह्मा जी के कार्य में विघ्न डालने लगे। यह देख चंद्र देव जोर-जोर से हंसने लगे।

स्वयं का उपहास देख भगवान गणेश ने चंद्र देव को शाप दिया कि आज के बाद तुम किसी के देखने योग्य नहीं रहेगा। अगर कोई देख भी लेता है, तो वह पाप का भागी होगा। कालांतर में ऐसा ही हुआ। चंद्र देव का तेज खो गया। कालांतर में भगवान गणेश ने चंद्र देव को यह कहकर शाप मुक्त किया कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर तुम्हारा दर्शन करने वाला व्यक्ति पाप का भागी होगा। अन्य चतुर्थी पर बिना चंद्र दर्शन के व्रत पूरा नहीं होगा।
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