उन्नाव। उत्तर प्रदेश का उन्नाव (Unnao) बुधवार की सुबह भीषण एक्सिडेंट (accident) से दहल उठा। बिहार के शिवहर से दिल्ली जा रही बस की टक्कर उन्नाव (Unnao) के बांगरमऊ में दूध से भरे टैंकर से हो गई। इस हादसे का शिकार हुई बस को लेकर अब बड़ा खुलासा हुआ है। हादसे (accident) का शिकार हुई बस (bus) की जांच शुरू हुई तो इसके बारे में बड़ी जानकारी सामने आई है।
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जानकरी के अनुसार फर्जी पते पर निकले बस (bus) को लंबे समय से सड़क पर दौड़ाया जा रहा था। इतना ही नहीं बस के कागजों में दर्ज पता फर्जी निकला है। बस को महोबा (Mahoba) के एक किसान के नाम पर निकाला गया था। वहीं, इसे दिल्ली का चंदन जायसवाल चलवा रहा था। वह पहाड़गंज से बसों (bus) का परिचालन कराता है। बस की जांच के क्रम में परमिट (permit) और बीमा (insurance) भी नहीं हुआ पाया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इन लंबी दूरी की बसों (bus) की जांच आखिर क्यों नहीं की गई?
दावा तो यह भी किया जा रहा है कि बस (bus) का जो नंबर जारी किया गया है, वह बस (bus) का न होकर लोडर का है। उन्नाव (Unnao) हादसे के बाद पंजीकरण में हुई अनियमितता की जांच के लिए बांदा आरटीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। टीम ने जांच शुरू करते हुए महोबा (Mahoba) एआरटीओ कार्यालय से वर्ष 2018 व 2019 के वाहन पंजीकरण से संबंधित फाइलों को जब्त कर लिया है।
उन्नाव (Unnao) में दुर्घटनाग्रस्त बस (bus) यूपी 095 टी 4729 खन्ना थाना क्षेत्र के मवई खुर्द गांव निवासी पुष्पेंद्र सिंह के नाम केयर आफ में दर्ज है। बस (bus) का संचालन एमएस केसी जैन ट्रेवल्स के द्वारा किया जा रहा है। यह कंपनी जोधपुर (Jodhpur) की है। शिकायत सामने आयी ही कि वर्ष 2018 से 2019 के बीच महोबा (Mahoba) के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से करीब 50 बसें केयर आफ में दलालों के माध्यम से पंजीकृत हुई हैं।
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