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Thursday, July 3, 2025

पुनर्जन्म, वस्तुओं से पहचान…; जानें कैसे होती है दलाई लामा के उत्तराधिकारी की खोज

डेस्क। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) ने घोषणा की है कि दलाई लामा की संस्था भविष्य में भी जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य के दलाई लामा के पुनर्जन्म की पहचान की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट (Gaden Phodrang Trust) की होगी। दलाई लामा (Dalai Lama) ने दोहराया कि इस विषय में किसी अन्य संस्था या सरकार को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। क्या आप जानते हैं कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी कैसे चुना जाता है?

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तिब्बती बौद्ध धर्म (Tibetan Buddhism) में दलाई लामा (Dalai Lama) चुनने की प्रथा सदियों पुरानी है। यह परंपरा पुनर्जन्म के सिद्धांत पर आधारित है। तिब्बत में ऐसी मान्यता है कि दलाई लामा दोबारा जन्म लेते हैं और एक नया रूप धारण करके अपना पद भार संभालते हैं। तिब्बती मान्यता के अनुसार, दलाई लामा की मृत्यु के 9 महीने बाद जन्में बच्चे को ढूंढा जाता है या फिर दलाई लामा अपनी मृत्यु से पहले कुछ संकेत देते हैं ,जिसकी मदद से नए दलाई लामा को खोजा जाता है।

नए दलाई लामा (Dalai Lama) की खोज कई सालों तक भी चल सकती है। आमतौर पर नए दलाई लामा को पुराने दलाई लामा की कुछ चीजें दिखाई जाती हैं, जिन्हें पहचानने वाले बच्चे को ही नया दलाई लामा बनाया जाता है। इसके बाद उन्हें कुछ सालों की शिक्षा दी जाती है और परीक्षा के सभी पड़ावों को पार करने के बाद उन्हें दलाई लामा बनाने की घोषणा की जाती है। दलाई लामा को पहचानने की एक प्रथा यह भी थी कि कागज पर उनका नाम लिखकर एक सोने के कलश में छिपा दिया जाता था। हालांकि अब यह कलश चीन के पास है।

बता दें कि 14वें दलाई लामा ने भी 2 साल की उम्र में 13वें दलाई लामा की चीजों को पहचान लिया था। उन्होंने पुराने दलाई लामा की वस्तुओं को देखने के बाद कहना शुरू कर दिया कि ‘ये मेरी है…ये मेरी है।’ जिसके बाद उन्हें 14वां दलाई लामा बनाया गया था। 1758 में 8वें दलाई लामा की पहचान इंद्रधनुष से हुई थी। मान्यता के अनुसार, आसमान में बने इंद्रधनुष ने 8वें दलाई लामा की मां को छुआ था, जिसके बाद 8वें दलाई लामा कमल ध्यान की स्थिति में बैठने की कोशिश करने लगे। इससे ही उनकी पहचान की गई।

Tag: #nextindiatimes #DalaiLama #Buddhism

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